Wednesday, September 19, 2012

जीवन पथ

डग डग चलता गया

कोस कोस बड़ता गया

होले होले धीमे धीमे

जीवन पथ अग्रसर होता गया

मनन कर स्मरण कर

कदम वक़्त के साथ मिलाता चला गया

उद्वेग गिलानी इर्ष्या भुला

एक प्यार भरी दुनिया संजोने

कांटो की राहों पे चलता गया

होले होले धीमे धीमे

जीवन पथ अग्रसर होता गया

3 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना..
    ऐसे ही जीवन पथ पर अग्रसर रहिये..
    कामयाब होइए
    शुभकामनाये...
    :-)

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