RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Sunday, April 7, 2024
अंजुमन
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इस अंजुमन ताबीर की थी जिन ख्यालों की l अक्सर उन बैरंग खतों ढ़ल जाती वस्ल रातों की ll मुख़्तसर थी इनायतें इनके जिन ख्वाबों की l रूबरू तस्वीर ...
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Monday, March 11, 2024
ll आलिजा ll
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सारंगी तान श्यामवर्ण अपराजिता चंदन खुशबु l कजरी गजरे सुरमई सुरमे गुत्थी नफासत माथे बिंदु ll किवदंती पिया वैजयन्ती खन खनाती झांझर कंगन l अकल्...
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Saturday, March 2, 2024
दूरियाँ
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दूरियाँ थी मेरे रहनुमा राहों ख्यालातों किनारों में l गौण मौन खड़े थे इस पथ सारे जज्बात मुहानों पे ll डूब गयी थी कमसिन काया अलबेली मोज धाराओ...
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Friday, February 2, 2024
सजा
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अविरल सिसकियाँ अंतर्मन पहेली पदचापों की l प्रश्नन चिन्ह पानी तरंगों मचलती मझधारो की ll जिस्म सुनहरी झुर्रियां लिपटी रूह बिन बरसातों की l व...
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Saturday, January 20, 2024
ll अश्रुधार ll
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तेरे सहर की दर्पण भीड़ में भींगी पलकों टूटा था एक आईना l अश्कों जुनून साहिल बिखरा था हज़ारों बिन रंगों बरसात का ll किरदार जुदा था आइने वजूद ...
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