RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Wednesday, April 2, 2025
संवाद
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एक विस्मित सा संवाद था उसकी आयतों कारीगरी में l केशों गुलाब लिखी जैसे कोई ग़ज़ल थी उसकी अदाकारी में ll रूह महकी थी जिन अधूरे खत भींगी आँचल स...
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Sunday, March 2, 2025
अमोघा
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साँझ धूनी चंद्र घटा नीले रक्त आवेग संगम l कल्पवास लीन बिंदी माथे चंदन तारों घूंघट ll मंथन तट सुरमई रंग रंगी मुद्रि अनोखी बंधन l मधुमास रुचिर...
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Saturday, February 1, 2025
जंग
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अर्से बाद आईने नज्म उतराई जंग लग गयी पहलू इन रस्मों को l संदूक बंद लिहाफों से कतरा कोई बह चला आँखों यादों को ll नब्ज रज्म रिवायत तहरीर आईने ...
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Saturday, January 4, 2025
जौहर
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जलती धरा विरह बिछड़न को l जतिंगा रुन्दन परिंदा अग्नि को ll सजती जौहर सेज बरस दर बरस l शरद अमावस हर काली रातों को ll बरबस इतिहास पृष्टभूमि खो...
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Thursday, December 5, 2024
दर्द
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रज़ा दर्द की भी सिर्फ साँसों पर फिदा l साँसे भी मुकम्मल इसी दर्द की वज़ह ll अंदाज फिराक दर्द सज़ा अह्सास का l अर्जी मुनासिब इसके रंग गुलनार ...
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