Friday, January 12, 2018

अल्फाजों की दुनिया

बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया

दर्द अगर मिल जाये तो

बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया

बिखर जाती हैं रुमानियत की दुनिया

कभी गीत तो कभी ग़ज़ल बन

अफसानों में निखर आती हैं दुनिया

अफसानों में निखर आती हैं दुनिया

खामोश लफ्जों से जब बयां होती हैं

सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया

सज जाती हैं फिर अल्फाजों की एक नयी दुनिया

अश्क़ भी रो पड़ते हैं

अश्क़ भी रो पड़ते हैं

देख इनकी तन्हा भरी दुनिया

दफ़न हैं कहीं दिल की गहराईओं में

समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया

समटे अनगिनत राज अल्फाजों की दुनिया

क्योंकि

बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया

बड़ी जादुई हैं अल्फाजों की दुनिया

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (14-01-2018) को "मकर संक्रंति " (चर्चा अंक-2848) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हर्षोंल्लास के पर्व लोहड़ी और मकर संक्रान्ति की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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