Sunday, July 28, 2013

क़त्ल

गुनाह वह बड़ा ही हसीन था

आँखों ने ही क़त्ल कर डाला था

नजरे ज्यूँ ही चार हुई

उन सुन्दर नयनों  से

थम गयी साँसे

डूब गया दिल

उन सुन्दर चंचल नयनों की

मोहिनी चाल में

क़त्ल कर दिया आँखों ने इस दिल का

आँखों ही आँखों में

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