जूझ रहा हु ऐसे
ह़र कदम चलना सीख रहा हु जैसे
गिरते उठते आगे बढ़ रहा हु ऐसे
खुद के क़दमों पे खड़ा होना सीख रहा हु जैसे
मंजिल अभी भी बहुत दूर वैसे
पर लग रहा है ऐसे
कामयाबी कदम चूम रही हो जैसे
जूझ रहा हु ऐसे
ह़र कदम चलना सीख रहा हु जैसे
गिरते उठते आगे बढ़ रहा हु ऐसे
खुद के क़दमों पे खड़ा होना सीख रहा हु जैसे
मंजिल अभी भी बहुत दूर वैसे
पर लग रहा है ऐसे
कामयाबी कदम चूम रही हो जैसे
बातों में तेरी लहराती है गीतों की माला
सुनके नाचे मन की अभिलाषा
इतनी हसीन है तेरी आँखों की मधुशाला
देखू जब भी इनमें
सुध बुध भूल जाती है दिल की भाषा
ओ सुन्दरी कैसी है ये तेरी माया
मेरी परछाई में भी दिखे तेरी ही छाया
जीवन सदैव ऋणी रहेगा आपका
पितृ स्नेह लुटाया ऐसा आपने
भर गयी झोली हमारी आपके प्यार से
पर बिन कहे ऐसे गये
खामोश हो गयी आवाज़ भी आपकी
तलाश रही है नजरे
आप की छावँ आज भी
छलछला आती है आँखे
जब भी आती है याद आपकी
बस एक बार वापस चले आओ
चाचा जिन्दगी को तलाश आज भी आपकी
शब्दों का है मायाजाल
तोड़ मरोड़ करो ना इसको बदनाम
रचो सुन्दर शब्दों का जाल
मिला अक्षरों से अक्षरों का साथ
मिलेंगे नए नए शब्द हजार
पर याद रहेगी
सिर्फ मीठी भाषा ही मेरे यार
इसलिए करो सुन्दर भाषा का इस्तेमाल
गुमशुम है परेशान है
दिल आज चुपचाप है
बात कुछ ख़ास है
दिल के बोल बंद आज है
मौन है मन उदास है
कहीं खो गया दिल आज है
विरह है या प्यार है
दिल का बुरा हाल है
ना जाने किसके लिए
दिल आज बेकरार है