Monday, March 11, 2024

ll आलिजा ll

सारंगी तान श्यामवर्ण अपराजिता चंदन खुशबु l

कजरी गजरे सुरमई सुरमे गुत्थी नफासत माथे बिंदु ll


किवदंती पिया वैजयन्ती खन खनाती झांझर कंगन l

अकल्पित रूह रोम सँवर भँवर आह्लादित दामन ll


रूद्राक्ष ताबीज साँझ क्षितिज काया कामिनी l

विभोर साधना मन अनुरागी आँचल धुन ताल्लीन l


मन्नत कलाई धागे लकीरें चाँद दुआएं काफिर l

स्वरांजली सामंजस्य धरा कर्णफूलों कुमकुम कालीन ll


रैना सूत्र सौगातें सौगंध पानी रूप केश घटा कहानी l

साया माया बदरी जादू घूंघट घुँघरू साक्षी धूप सयानी ll


अग्नि शिखा आभा मंडल बृज सखी बोल सुहानी l

करतल ध्वनि सजली ध्यान बाँसुरी मीठी मीठी धानी ll

Saturday, March 2, 2024

दूरियाँ

दूरियाँ थी मेरे रहनुमा राहों ख्यालातों किनारों में l

गौण मौन खड़े थे इस पथ सारे जज्बात मुहानों पे ll 


डूब गयी थी कमसिन काया अलबेली मोज धाराओं में l 

निकाह कामिनी बाँधी जिसे मन्नत पाक दिशा धागों ने ll 


रुखसत अश्रु व्यथित रो ठहरे हुए नयनों परिभाषा में l 

खोये पैगाम अंजुमन सागर बह चले जल तरंगों पे ll  


गुलदस्ता मेहर मुरझा गया स्वप्निल अंकुरण से पहले l 

अंतर्बोध ताज मीनारे ढहा बहा गया सूखे सैलाब तले ll   


सौदा गुलमोहर किरदारों का टाँक गया पैबंद इसका l 

फूल किताबों के बदरंग हो गए इन सलवटों के पीछे ll

Friday, February 2, 2024

सजा

अविरल सिसकियाँ अंतर्मन पहेली पदचापों की l

प्रश्नन चिन्ह पानी तरंगों मचलती मझधारो की ll 


जिस्म सुनहरी झुर्रियां लिपटी रूह बिन बरसातों की l 

वात्सल्य खामोश अनकहे खोये हुए शब्द बातों की ll 


मसौदा लेखन अम्बर इस काफिर को आज़माने की l 

चिनार दरख्तों संग निपजी वो सफर मुलाक़ातों की ll 


आराधना रीत सूनी वेदना कोरे फागन रंग साधना की l

उजाड़ती मत असहमत गुलज़ार गलियां बारातों की ll


सब्र सदियों आईना गर्त उस इंतजार की l

खुशफहमी गलतफहमी इस नादानी की ll


कल्पना भँवर टूटा ना जब दिल लगाने की l

चाह थी उस चाँद की नजर बन जाने की ll


कैसे भूल जाऊँ हवा उस गली चौबारे की l

आदत हैं जिसको सिर्फ दिल लगाने की ll


रब ने दी थी मोहलत मोहब्बत में जी जाने की l

मयकशा छलका गया सजा इसे जी जाने की ll

Saturday, January 20, 2024

ll अश्रुधार ll

तेरे सहर की दर्पण भीड़ में भींगी पलकों टूटा था एक आईना l

अश्कों जुनून साहिल बिखरा था हज़ारों बिन रंगों बरसात का ll


किरदार जुदा था आइने वजूद के उस नीले अम्बर महताब का l

बंद पलकों उस कशिश लहू राज छुपे थे मोतियों अश्रुधार का ll


काश्तकार था यह इजहार इश्तहार इस अजूबी दस्तकार का l

पढ़ समझ ना सका धुन्ध बूँद लिपटी धुन इस कलमाकार का ll


आवारा बादल मूँदी मूँदी आँखें इस खाली खाली दिल मकां रात का l

था तमअदृश्य सजली चकोर रूह बदलती गहरी परछाई साथ का ll


गूँज रहा जिक्र कहीं कहीं सिर्फ तेरी इस गुमनाम अलबेली साँझ का l

परवाज भरते आईनों ने हज़ारों परवान बिखेरे तेरे अक्स आकर का ll

Sunday, January 7, 2024

ख्याल

इत्र सी ख्वाबों तरंगें महकाती साँसे खतों की l

गुलदस्ता वो पुराने अघलिखे ख्यालातों की ll


अकेले में खिलखिला दे मुस्कान जो अधरों की l

पहेली वो मेरे चाँद के अनकहे अल्फाजों की ll 


पुंज गूंज वज्र अंबर सरीखी मलिनी गणना की l 

घूंघट वेणी छिपी केश माधुर्य यन्त्र मंत्रणा की ll 


अर्जियाँ लिखती लहरें कपोलों मनमर्जियाँ की l 

खोई धड़कने तलाशती भींगी डूबती साँसों की ll


साँझ ढलती मधुर रंग छलकाती संगम बेला किरणों की l 

झांझर घुँघरू मन दर्पण नचा जाती अघलिखे ख्यालों की ll