कर रहा हु इन्तजार
ढल रहा है दिन हो रही है शाम
होगा भाग्य उदय कल तो
कह रहा है मन ये बार बार
किया नहीं जब कोई अनुचित काम
निश्चय ही रब देगा मेरा साथ
निराश अभी हुआ नहीं
फैलाये बाहे कर रहा हु
एक नए प्रभात का इन्तजार
कर रहा हु इन्तजार
ढल रहा है दिन हो रही है शाम
होगा भाग्य उदय कल तो
कह रहा है मन ये बार बार
किया नहीं जब कोई अनुचित काम
निश्चय ही रब देगा मेरा साथ
निराश अभी हुआ नहीं
फैलाये बाहे कर रहा हु
एक नए प्रभात का इन्तजार
है प्यारे बड़े ही चिंतामणि
चिंता से ये कभी मुक्त होते नहीं
नाम पड़ा इसीलिए चिंतामणि
ख़ुद की चिंता इनको सताती नहीं
देख दूसरों की खुशिया
मारे चिंता नींद इनको आती नहीं
ऐसे है अपने प्यारे श्रीमान चिंतामणि
माया के मायाजाल में फंसा जो
मायाजाल के महापोश से बच न सका वो
लालसा खत्म होती नहीं
लालच कभी मरता नहीं
दलदल माया का ऐसा
इससे कोई निकल पाता नहीं
चक्रव्यू ऐसा बाहर का मार्ग नजर आता नहीं
माया से मुक्ति इतनी आसान नहीं
माया के बिना रह पाना भी आसान नहीं
जब जब किया एतबार
तब तब तुने किया विश्वासघात
अब बेहतर हो यही
राहे चले अपनी अपनी
तुम निकल पड़ो अपनी राह
मैं चल पडू अपनी राह
अब ना कभी मिले
आओ ऐसी राह पे चले
सोई किस्मत जागे तभी
मंत्र ऐसा कोई जब पढू कभी
खुलने लगे बंद किस्मत के ताले
कुंजी ऐसी मिले जब कहीं
सफलता के राज छुपे हो जिसमे
मिला ना वैसा मंत्र अभी तलक
क्यो करते हो रब मेरी किस्मत से मजाक
क्यो छल जाते हो मेरे को ही हर बार
क्यो लोट जाती है खुशिया मेरे ही द्वारे आए
हे रब कैसे तुम को बतलाऊ
पीड़ा कैसे तुम को दरशाऊ
जब तुम ख़ुद ही अन्तर्यामी
क्यो नही बदल देते
किस्मत की मारी तक़दीर की कहानी
क्यो हु मैं इतना बदकिस्मत
कोशिश जी जान से करू
कमी रखु न कोई ना कोई कसर
फिर हर बार क्यो मिले असफलता
कुदरत ने शायद तक़दीर में कामयाबी लिखी नही
कामना सफलता की इसलिए काम ना आए
इस गहरी चोट को जुबां से वयां किया जा ना सके
मच गई मच गई रंगों की हुडदंग मच गई
भर गई भर गई रंगों की पिचकारी भर गई
रंग गई रंग गई रंगों के रंग में दिल की किताब रंग गई
रंगी रंगी ऐसी रंगी हर पन्ने प्यार के रंगों से रंगी
खिल गई खिल गई रंगों की रंगत खिल गई
छा गई छा गई रंगों की मस्ती छा गई
भा गई भा गई दिल को भा गई रंगों की रंगीनी भा गई
रंग गई रंग गई रंगों की बारिस में हर चाहत रंग गई
आग लगनी हो दिल को
तो याद करो हमको
हमसे बेहतर है कोई नही
हुनर ऐसा लाजबाब
ख़बर हो जब तक आप को
जल उठा होगा दिल तब तलक
प्यार की इबादत करते है हम
तितलियों के दिलो में रहते है
दिल जलाने को ही दिल लगाना समझते है
इसिलये दिलजले कहलाते है हम
बातें थी ढ़ेरों करनी
किस्से कहानिया थी वया करनी
बतलानी थी वो बात
जिस बात में छुपे थे सारे राज
अहम् थी ये बात
जो बात बतलानी थी आज
हो ना पाई कोई बात
दफ़न हो गई वो राज की बात
रह गई ख्वाइश अधूरी बातों की आज
फिर ना कभी हो पायेगी ये बात
बात जो कहनी थी आज
सिमट गई दुनिया बातों के जंजाल में आए
बंद हो गया सदा के लिए बातों का पिटारा आज
थम गया सिलसिला बातों का इस मुकाम पे आए
खत्म हो गई सारी बातें
अब ना बची कोई बात बतलाने को
चाहा सिर्फ़ तुम्हे ही है
सोचा किसी ओर के बारे में नहीं
यकीन कैसे तुमको दिलाऊ
कैसे सीना चिर तुमको दिखलाऊ
दुनिया मेरी होती है तुमसे ही शुरू
खत्म भी होती ही तुम पे ही आके
यारा अब तो मेरा यकीन करो
सप्ताह के है सात दिन
छ: दिन झगड़ा एक दिन प्यार
कैसा अनोखा है ये संसार
झगड़े बिन चैन नहीं
प्यार में फिर भी कोई कमी नहीं
कहना है बस इतना सा
क्यो झगड़े सप्ताह के सातवे दिन
बिन खता सजा क्यों मिली
वफा के बदले रुसवाई क्यों मिली
ऐसी भी क्या बात हुई
चाहत के बदले नफरत आन मिली
बिछुड़ गए दिलो के तार
छुट गए हाथो से हाथ
कमजोर थी बिस्वास की डोर
टूट गई रिश्ते की डोर
लगी जो हलकी सी खरोंच
हो गई राहें जुदा जुदा
मिल न सके फिर कभी दुबारा
ज्यो हो सागर तट का किनारा
गुमान इतना अच्छा नहीं
आनी जानी जब कुछ नहीं
फितरत भी बदल जायेगी
ठोकर जब अहंकार को लगेगी
जो क़द्र करोगे भावनाओं की
कदमो में दुनिया सारी होगी
आरजू हैं फिरू वन वन
उदु तितली बन बन
छू लू धरती आसमा को
अदाकारा ऐसी बनू
हुनर से अपने जीत लू दिल सबका
दिल तलाशता रहा
दीदार उनका हो ना सका
जिनके ख्यालो में जिन्दगी डूबी रही
मिले जिन्दगी के ऐसे मोड़ पे
नजरे प्यासी की प्यासी रह गई
मिलन की हसरतें अधूरी की अधूरी रह गई
रिश्तो में खट्टास ऐसी आई
शहद सी घुली बातों में भी
करेले की कडवाहट नजर आई
रिश्ते जो लगते थे मिश्रि से मीठे
लग रहे निम् से कडवे अब
ऐसी क्या बात हो आई
बातों में जहर की महक चली आई
चाहत की जगह नफरत चली आई
जिन्दगी हसीन हो गई
हर शाम रंगीन हो गई
तुम जो मिले तो तन्हाई दूर हो गई
एक पल के लिए ही सही
जिन्दगी अपने आप से रूबरू हो गई
हो जिसके सर काँटो का ताज
कैसे फूल आए उसके पास
दर्द लिखा हो जो किस्मत में आए
तो कैसे आए महबूब उसके पास
कैसी है ये अजब विडम्बना
तुम पास होके भी कोसो दूर हो
फासले नहीं फिर भी फासलों पे हो
सदिया बीती तुमसे मिले
नयना तरसे तुमसे मिलने
हसरत हुई ना पूरी
तमन्ना भी रह गई अधूरी
न जाने क्यो वक्त ने किया सितम
तुमसे मिलके भी ना मिले हम
बजती रहे शहनाई छूटते रहे पटाखे
सदा भरा रहे दाम्पत्य खुशियों के आँचल से
मनोकामना है हमारी
सात फेरो का बंधन
बना रहे सात जन्मो तक
सुनके बेबस चीत्कार
जिन्दगी सिहरन उठी
मानसिक यातना दे
अच्छे भले को भी रोगी बना दिया
देख मन विचलित हो गया
पुकारा रब को पूछा
कहाँ छिपे बैठे हो
चीत्कार तुम्हे सुनाई क्यो नहीं देती
क्यो मदद को आ नहीं रहे आज
सुनके ललकार रब दौड़े चले आए भक्त के पास
रख सर पे हाथ मिटाए सारे संताप
वो संगम भी क्या खूब होगा
जब दो दिलो का मिलन होगा
चकित रह जाएगी दुनिया
जब दो प्रेमियों का मिलन होगा
मिलन कुछ ऐसा होगा
मधुर रस की नदिया बहेगी
बस ओर कुछ नहीं
एक नई प्रेम कथा अनावरण होगी
क्यों हो रही हो खफा यार
बजने दे दिल की गिटार
बुला रही है तुम्हे मेरे दिल की सितार
चली आओ जाने बहार
मौसम भी खुश मिजाज
तेरे संग की मुझको है दरकार
भुला के सारी बात
सुनले प्रेम आलाप
मधुवन में कर रहा हु तेरा इन्तजार
तुम ही हो मेरी जाने बहार
मिलने तुमको नाच रहा है
मयूर मन बार बार
उड़ के चली आ मेरे पास
सुनाऊ तुमको प्यार भरी राग
जल उठी चितां
खाक हो गया शरीर
पञ्चतत्व से बना तन विलीन हो
राख में हो गया तब्दील
नश्वर तन था
छोड़ गया प्राण शरीर
अमर थी आत्मा
धारण कर लिया दूसरा शरीर
क्यों दर्द इतना गहरा होता है
क्यों अकेलापन इतना बुरा होता है
क्यों अखरती है जिंदगानी
जब ख़ामोशी चुपके से दस्तक दे जाती है
कैसी ये घड़ी होती है
सब होते हुए भी ना होने का अहसास जगाती है
चिंता की लकीरे मस्तस्क पे उभर आई
देख के हश्र जिन्दगी का
अंतर्मन की व्यथा मुखरित हो आई
आतंक का ग्रास बन रहा है मानव
सभ्य समाज में ये पीड़ा कहा से चली आई
कहीं इस काल की परछाई
हमारे अपने ही विचार धाराओ की उपज तो नहीं
सोच सोच ये चिंता मन को खायी
भय मुक्त समाज की रचना करने हेतु
किसीने तो करनी होगी पहल आगे आय
इसलिए ले लिया निर्णय ये आज
जलाऊ एक ऐसी मशाल
भस्म हो जाए जिसमे सारे आतंकवाद
कौम के लिए बन जाऊ एक मिशाल
कहर बरपाती है चक्रवर्ती तूफ़ान
तभी तो इनके नाम है लडकियों के नाम
मच जाती है विनाश लीला
छा जाती है तबाही
जब पहुँच जाती है लडकिया या तूफ़ान
विनाश का तांडव दिखलाना
मौत के बबंडर उडाना
ही तो है इनका काम
तो फिर क्यो ना हो नाम इनका एक समान
हो कामयाबी के अश्व पर सवार
निकल चला एक नए अभियान
करनी है दुनिया फतह आज
बस यही एक लक्ष्य है पास
रुक ना सके अश्वमेघ ये
बिन अर्जित किए बुलंदिया शोहरत की प्यास
नाज हो मुझको भी
याद रखे दुनिया मेरे को भी
बेखबर हम ही थे
यक़ीनन वो तुम ही थे
नादां तुम भी थे तभी
रह गई थी बात अधूरी
जो हम समझ न सके
वो तुम भी कह न सके
बनके अजनबी चाहत तलाशते रहे
पर करते है प्यार तुम्ही से कह न सके
ख़बर हो गई ज़माने को
साजिश कोई थी मुझ से दिल लगाने को
राज जो अब तलक दफ़न था दिलो में
पता चल गया दिलवालों को
हो गए है हम भी तेरे दीवाने
ख़बर हो गई ज़माने को
करना है क्या विचार
जब हम करते है तुम से प्यार
रच गई मेहंदी तुम्हारे हाथ
आ पहुँची मेरी बारात तेरे द्वार
करले अब सोलह श्रृंगार
बन मेरी दुल्हन चल पड़ मेरे साथ
ईमानदारी से किया गया प्रयास
सफलता की कशोटी पे खरा होता है
परख तभी होती है
जब मुसीबत आन पड़ती है
धेर्य और संयम से लिया निर्णय ही
कामयाबी की कुंजी होती है
ओ जीवन खवैया रे सुनलो मेरी पुकार
करादो मुझको भी भवसागर पार
लहरों की मस्ती में टूट न जाए मेरी नाव
करदो मेरा भी बेडा पार
सुन के चले आओ मेरी करुण पुकार
ओ सबके पालनहार
शरण में मुझको भी ले लो आज
मिटा दो मेरा संताप
करादो भवसागर पार
ओ जगत के पालनहार
सहमी सहमी सी रहती है दुनिया
हर तरफ़ खौफं नजर आती है
आलम दहशत का ऐसा है
हर ओर मौत नजर आती है
सन्नाटे में हवा भी
डर का मंजर बना जाती है
अंधेरे में जुगनू की रोशनी भी
एक साजिश नजर आती है
अपने मुकाम से जो नजर उठा कर देखोगे
हर ओर लाशों के अम्बार नजर आयेंगे
आतंक से तार तार हुई जिन्दगी नजर आयेगी
छिन्न भिन्न हुई संस्कृति नजर आयेगी
देख इस भयावह मंजर को खुदा की याद आयेगी
कैसे कटेगी जिन्दगी लाशों के बीच
यह बात समझ नहीं आयेगी
जिन्दगी ख़ुद एक जिन्दा लाश बन रह जायेगी
जिन्दगी शतरंज की विछात है
हम तो सिर्फ़ मोहरे है
शह और मात के इस खेल में
हार हमारी ही होनी है
बागडोर उपरवाले ने थाम रखी है
चाल उसने ही चलनी है
हमने तो मूकदर्शक
बस जिन्दगी जीते जानी है
सुनलो वो दुनिया वालो
हम है हिन्दुस्तानी
हिन्दुस्ता बसे हमारे दिलो में
नही कोई हमारा सानी
अमन चैन हमारा छिनने की कोशिश न करना
टुकड़े हमारे दिलो के करने की साजिश न रचना
नामोनिशा तुम्हारा मिटा देंगे
माटी में तुमको मिला देंगे
भाषा अनेक फिर भी बोले एक ही बोली
जय भारत जय भारती
अच्छी शिक्षा उंच विचार
मजबूत बुनियाद के आधार
बिन कठिन परिश्रम
ये डगर नहीं आसान
अच्छा इंसा बनना हो
संकल्प ये करे
कार्य न कुछ ऐसा करे
दरार बुनियाद में आ जाय
सर शर्म से झुक जाय
आप का स्वाभाव ही
आप का परिचय
तो क्यो ना सत्य मार्ग पर चला जाय
सज गई डोली आ गये बाराती
अब तो पढ़ लो मेरा आखरी ख़त
फेरे पड़ जाय किसी ओर संग
उससे पहले भरले मांग मेरे नाम की
बिदा हो गई जो किसी ओर के साथ
जीवन भर पछताओगी अजनबी को गले लगा
पढ़ ले तू ये ख़त आखरी
पगली कब समझ आयेगी ये दीवानगी
डाल के वरमाला मेरे गले
चल पड़ तू मेरे साथ ही
थामने तेरा हाथ
खड़ा हु तेरे पास ही
बस एक बार पढ़ ले तू ख़त आखरी
अहमियत होती है हर छोटी छोटी बातों की
कब कौन सी बात महत्वपूर्ण हो जाय
यकीन विश्वास में बदल जाय
ये कोई नहीं जानता
नाज करो मगरूर ना बनो
इंसा हो इंसा ही रहो खुदा ना बनो
ये सबक सदा याद रखो
कैसी वो रात होगी
तुम मेरे साथ होगी
तारो की बारात होगी
नाचती झूमती पवन की बयार होगी
कैसी हसीन वो रात होगी
सिर्फ़ तेरी मेरी बात होगी
तेरे मर्म स्पर्शी आगोस में रात होगी
कितनी प्यारी वो मिलन भरी रात होगी
कैसी वो रात होगी
आप के पैरो की नुपुर छम छम कर जब बजे
मेघा रानी छम छमा छम बरसे
माथे की बिंदिया जब चमके
आफ़ताब की आभा की खूब दमके
हाथो का कंगना जब खनके
कोयल लगे गीत सुनाने
चेहरा जो घूँघट में छिप जाए
आसमा में चाँद भी नजर ना आए
ये हुजुर आपके हुस्न को
कहीं हमारी नजर ना लग जाए
अभी अभी बात चली है
बात के साथ बात चली है
इस बात में बात जुड़ी है
बात से बात भड़ी है
जितने मुहँ उतनी बात बनी है
बात बात का फेर है
कोई समझे इशारो में बात
कोई ना समझे कहने से भी बात
बात बड़ी गंभीर है
इससे बड़ी और क्या बात है
जीवन में बातों का ही तो साथ है
यही सबसे अच्छी बात है
साहिलों से टकराकर मौजे वापस लोट आई
उठी जो ऊँची लहर कस्ती डूबा गई
शांत हुई जब लहरे
कस्ती भी पहचान न आई
लुट गई किस्मत
बह गई जिन्दगी
रह गई सिर्फ़ गमों की बस्ती
स्वच्छ निर्मल पावन
कांति आभा तर्पण
कोमल मनोहर नयन
फूलो का दर्पण
सुंदर सोम्य संयम
बेजोड़ है संगम
ऐसी चाहिए एक नार
जो बदल दे मेरा जीवन
भर दे सुखो से संसार
खोके तुम्हे ये अहसास हुआ
दर्द जुदाई का क्या होता है
ये मुझको अहसास हुआ
बरबस ही दिल रो पड़ता है
तुमको कभी ना भूल सकता है
पास रहे तब कदर ना जानी
छोड़ चले गए तब ये समझ आई
नादानी हमसे हुई
तेरे सच्चे प्यार का पहचान ना सके
सुन्दरम नयनाभिरामं
कोमलांगम मधुरं
ओ मेरी प्रियतम
खुदा भी कहे तुम हो मन मोहनं
ओ शकुन्तलम प्रियतम
तुम ही हो प्रिय बांधवं
तुम ही सबसे सुन्दरम
ओ मेरी प्रियतम
सुन्दरम नयनाभिरामं
कोमलांगम मधुरं
ओ मेरी प्रियतम
अगर समझ जाते सचाई
तो खुदा ना बन जाते
पी लेते अमरत्व
तो अमर ना हो जाते
जो पा लेते तुझे
तो मंजनू ना बन जाते
मिल गया होता प्यार यदि
तो बेरहम ना कहलाते
सौतन का पता हम को चल गया
ख़त से पता उनका मिल गया
लाख छिपाओ मगर हमको पता चल गया
छुप छुप मिलने का राज खुल गया
तस्वीरों में उनका चेहरा मिल गया
बाकी अब कुछ ना बचा
जो था वो फ़ोन से खुल गया
कल्पना की उड़ान स्वछंद हो
ना किसी से तकरार हो
ना विचारो का टकराव हो
मुक्त गगन उड़े ऊँची उड़ान हो
सुंदर स्वप्निल कल्पना साकार हो
प्यार बसे जिसमे सबका
वो सपना साकार हो
वो माटीके पुतले वो मट्टी के खिलौने
वो बचपन की यादे वो लड़कपन की बातें
टूटते खिलौने बरसते आंसू
वो बेजान पुतले वो मट्टी के खिलौने
लगते सबसे अज़ीज़ वो खिलौने
छुले कोई तो लड़ना झगड़ना
वो रोना वो रोते रोते हँसना
वो माटी के खिलौने
जिनके संग बचपन गुजरा
देखू जब भी माटी के खिलौने
याद आ जाए बचपन दुबारा
बात क्यो ना फिर खास हो
जब तुम मेरे साथ हो
सुन तेरी प्यार भरी बात
लगने लगी दुनिया हसीन
अहसास क्यो ना फिर खास हो
जब आँचल में लिपटा प्यार हो
पा के तेरी आगोश क्यो ना फिर
दुनिया जन्नत से हसीन हो
कुछ अनछुए पहलु दिल को छु जाते है
जज्बात आंसू बन निकल आते है
भावनाओ का समंदर सैलाब बन उमड़ आता है
इस एक पल को अजनबी भी अपना नजर आता है
मीठे बोल जो बोलले वो हमदर्द नजर आता है
कहना जो चाहू वो कह नही पाऊ
कैसे मैं तुम को बताऊ
क्यो मैं तुम को चाहू
ओ यारा दिलदारा
दिल तेरे हाथो हारा है
आजा गले मुझे लगा जा
मेरे प्यार को मांग में सजाजा
दामन प्यार के फूलो से महका जा
ओ यारा दिलदारा
कहना जो था वो है मैंने कह दिया
तुझको है रब का वास्ता
मेरे को अपना बनाजा
ओ यारा दिलदारा
हसरते प्रेरणा बन जाती है
जब ख्वाईसे अधूरी रह जाती है
जूनून कर गुजरने की संजीवनी बन जाती है
जब हर बार असफलता हाथ आती है
बुलंदियों को छु लेने की तम्मना पूरी हो जाती है
जब कामयाबी की कुंजी हाथ आ जाती है
वादा तुझसे किया उसको निभाना है
तुझको ओर ना रुलाऊ
ओर ना तुझको सताऊ
ऐसा मुझको बन जाना है
प्यार किया तुझसे उसको भी निभाना है
तेरी खातिर कुछ भी कर जाना है
जो वादा किया उसको निभाना है
तारों ने सिखलाया
बुझे चिराग को जगमगाया
आसमां में रहो सदा
जगमगाओ धुर्व की तरह
करके रोशन जहाँ
करलो दुनिया मुठी में
देखने तेरा स्थान
करने तुम्हे प्रणाम
दुनिया हो जाए बेत्ताब
करलो कुछ पुण्य का काम
पगडंडियों पे चलते गए
लघुतम मार्ग खोजते गए
झुरमुठो को झाडियों को
रोंद आगे बड़ते गए
जूनून इस कदर हावी था
सफलता पाने का
कदम ख़ुद व् ख़ुद बड़ते गए
मंजिल तो नसीब ना हुई
भूल भुलैया खो जरुर गए
सफर खत्म हो चला रात गुजर गई
बीते लहमे याद बन दिलो में बस गए
नींद अब आती नहीं
पलके एक पल के लिए भी झुकती नहीं
तस्वीर वो आँखों के सामने से हटती नहीं
बिन उनके नींद अब आती नहीं
बीती रात भूली जाती नहीं
उनके बैगर अब रात गुजर पाती नहीं
जब से पड़ी पूंजीवाद की साया
उपभोक्ता बाजार चला आया
आधुनिकता की होड़ मची
बदल गई जीने की तस्वीर
दौलत हो या ना हो
सब हाज़िर हैं फिर भी सब किस्तों मैं
किस्ते बनने लगी जी का जंजाल
आमदनी अठ्नी खर्चे बेहिसाब
किस्त चुकाने लेने पड़े किस्त उधार
वाह रे वाह पूंजीवाद
गुजर गई जिंदगानी चुकाते चुकाते किस्तिया
जो कल तक लग रही थी आसान
समझ नहीं सका मानव पूंजीवाद की फांसिवाद
जय हो पूंजीवाद
लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
हम तुम तुम हम बैठे डाले हाथो में हाथ
बिन मिलन गुजर ना जावे ये हसीन रात
चंदा चमके बनके तेरे माथे की बिंदिया है आज
लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
आओ एक दूजे की आँखों में करे चाँद का दीदार
पुरा है चाँद छटक रही चाँदनी
दमक रही बन के प्यार
आओ खो जाए एक दूजे में
गुजर ना जाए ये रात
लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
समर भूमि का जो वर्णन आया
सुन के मन रोमांचित हो आया
कैसा रहा होगा वो समर
जब होती थी आर पार की लड़ाई
अस्व पे होके सवार
लेके हाथ भाल और तीर कमान
वीर चल पड़ते थे करने न्योछावर प्राण
सचमुच वो थे योद्धा महान
सुन के वीरो का बलिदान
मन में आए उत्तम विचार
मधुशाला कहे कभी मेरे घर भी आओ
मधुरस एक घुट अपने नाम कर जाओ
भूल जाओगे सारे गम
जो मेरी आगोश में आ जाओगे
वादा रहा ये मेरा तेरे साथ
जो किया मेरा रसपान
दूर ना मुझसे कभी रह पाओगे
भूल के दुनिया सारी
मेरे घर रहने चले आओगे
पुकार पुकार कहे मधुशाला
कभी मेरे दर पे भी तो आओ
फिर कुछ कहोगे तो कुछ लिखूंगा
कुछ ना कहोगे तो भी लिखूंगा
लिखना छोड़ सकता नहीं
जज्बातों से नाता तोड़ सकता नहीं
एक यही तो हमदम है
जिसके सहारे जिन्दा हु
कहनी होती है जब भावनावो से भरी दिल की बात
एक इसी का तो होता है साथ
फिर कैसे छोड़ दू इसका साथ
फिक्रमंद हु कल्पना भविष्य की करके
बादल रही है पल पल ये घड़ी
बयार बदलाव की जो चली
सारे आज को बादल गई
फिक्र ना फिर कैसे करू
सोच सोच भविष्य के बारे में डरा करू
एक सूत्र में बंधे रिश्ते
लगे पिरोई हो भिन भिन फूलो की माला जैसे
जब बंधे हो सब एक सूत्र से
तो कहलाये ये अटूट रिश्ते
खुली हो अंगुली तो हाथ बने
बंद हो तो मुक्का कहलाये
एक एक कर जो आपस में जुड़ जाय
कोई ताकत उसने ना तोड़ पाय
प्यार में ही एकता
सूत्र का मंत्र जो समझ जाय
फिर ना जीवन में वो कभी हार पाय
बड़ी मतलबी है ये दुनिया
निकलना हो जब कोई काम
याद आ जाती है पुरानी पहचान
मान न मान मैं तेरा मेहमान
वक्त का तकाजा है यही
गधे को भी बाप बनाना है सही
निकल जाए जो काम
भूल जाए सारी पहचान
हद हो जावे बेशर्मी की तब
मुलाक़ात हो जावे अनजाने में जब
पूछे कौन हो महाशय आप
क्यो पड़ रहे हो गले आके मेरे
नहीं करता बात चित
अनजानों अपरिचितों से आज कल
समझ आ गई होगी मेरी बात अब तो आप को
मैंने रब से मेरी तक़दीर के बारे में जो पूछा
कहा उसने ख़राब है तकदीर तेरी
बड़ा ही बदकिस्मत इंसान है तू
अभागे हाथो में लकीर ही नहीं है तेरे
किस्मत की तो छोड़
हक़ नहीं है जीने का भी तुझे पगले
क्या सचमुच मैं इतना बुरा हु
जो किस्मत हर बार दगा दे जाती है
मंजिल पास आ फिर दूर चली जाती है
सपने बिखर जाते है
मायूसी चहरे पे छा जाती है
रब भी मेरी प्रार्थना काबुल नहीं करता
शर्मिंदगी फिर सब के आगे उठानी पड़ती है
ब्यथा मेरी है आंसुओ में लिपटी
लाचारी एसी रो भी ना सकू
पीडा अपनी किसी को बया भी ना कर सकू
शायद मैं सबसे बुरा हु इसीलिए
जल बिन जीवन नहीं
जीवन बिना अर्थ नहीं
अर्थ बिना सृष्टि नहीं
सृष्टि बिना जल नहीं
जल है वरदान
ना खेलो सृष्टि के साथ
कही बन ना जाए वरदान अभिशाप
ढाई कोश चले एक पहर में
एक सदी लगी ढाई आखर का अर्थ समझने
कथा ये विचत्र पर निराली है
अजब प्रेम की गजब कहानी है
साथ रहे जीवन भर
पर समझ ना पाए प्यार का दर्द
अंत समय आया तो
दिल को ये ख्याल आया
अब तो कह दू
प्रेम हमें तुमसे ही है
पहले तुम ताजमहल लगती थी
अब खंडहर दिखती हो
उम्र हावी होने लगी
बुनियाद कमजोर होने लगी
स्वरुप तुम अपना खोने लगी
झुरिया चहरे पे छाने लगी
तू मौत को इस्तकबाल करने लगी
जली शमा परवानो के लिए
खिली कलिया भवरो के लिए
बने अफसाने फसानो के लिए
गुलशन हुआ चमन प्यार के लिए
बनी मोह्बत दिलवालों के लिए
ना जाने क्यो पर चला जा रहा हु
अनजानी मंजिल की ओर
ना पहुँच सके तेरी परछाई जहाँ किसी रोज
वादा जो किया जाने का
आ गया वक्त उसे निभाने का
दिल को है समझाया
उनकी खुशियों की खातिर है जाना
प्यार है खुदा की निमत
कैसे किया वादा मैं तोड़ दू
फर्क इतना है
तुने किसी ओर के शब्दों का सहारा लिया
हमने अपने शब्दों का
तुने दुसरे की भावनाओं को अपनी अभिब्येक्ती बनाया
हमने अपनी भावनाओं को उज्जागर किया
अन्तर ये बहुत बड़ा है
फासला बहुत ज्यादा है
इसलिए फर्क लाजमी है
कल किसी ने पूछा क्या कल भी मेरा हाथ थामे रहोगे
मेरे मरने के बाद मेरा मकबरा बनवाओगे
हँस कर हमने कहा
भविष्य को छोडो वर्तमान की बात करो
बात मकबरे की कर रहे हो
देख सामने ताजमहल फिर क्यो घबरा रहे हो
ठीक कहा तुने साथ अब अपना निभ सकता नहीं
मजबूरन ढोने पड़े उन रिश्तो की जरुरत नहीं
यार गाड़ी ऐसे चल सकती नहीं
तलाक से अच्छा सुझाब नहीं
अक्स तेरा दिल में बनाया था
मोह्बत ये मल्लिका तुझको बनाया था
सपनो के उड़नखटोले से उत्तार दिल में बसाया था
साहिलों में डूब ना जाओ नजरो में समाया था
रेत पे लिखे नाम की तरह ना मिट जाओ
इसलिए तेरा नाम अपने सीने पे खुदवाया था
क्यो ढूंढे उन्हें जिन्हें हमारी फिक्र नहीं
रेत पे उनका अक्स बना निहारते रहे
इसका अर्थ ये नहीं
उनके बिना हम जी सकते नहीं
साहिलों से टकरा प्यार की कश्ती जो डूब गई
इसका मतलब ये नहीं मोह्बत हमारी मर गई
बेगाना हो भटकू गली गली
खोजू प्यार हर कलि कलि
मिली ना कोई सुंदर कलि
कह सकू जिससे बात प्यार भरी
भटक रहा हु गली गली
कहीं तो मिलेगी मुझको भी
मेरे दिल की परी
संग जिसके होगी मेरी डोर बंधी
क्यो ना खोजू अपनी प्रेम दीवानी गली गली
ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
बरसी जो घटा बनके शीतल चुभन
उड़ने लगी खाबो की उड़न
बरसने लगी उमंगो की तरंग
ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
बदलने लगा आसमा का रंग
छाने लगी मेघो की छम छम
गाने लगी कोयल गीतों बहार
उठने लगी मन में उमंगें हज़ार
झुमने लगा दिल ये बार बार
ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
बोल के समझाया
कर के दिखलाया
इशारो से बतलाया
पर उनकी समझ कुछ भी ना आया
किस मिटटी का बना है ये इंसान
जानते समझते हुए ना समझ बन रहा है
समझ में ना आई ये बात
जो कहा भेंस के आगे बीन बजाने से क्या फायदा
हँस कर उसने कहा
अदा तुम्हारी दिल को भा रही थी
तरीका समझाने का अच्छा लग रहा था
इशारे मन को लुभा रहे थे
तुम पास रहो इसलिए ना समझ बन रहा था
हे ईश्वर इतनी शक्ति मुझको दे दो
पिता को दिया वचन पूरा कर पाऊ
थोडी कृपा मुझ पर भी कर दो
क्रोध मेरा भी हर लो
बहुत लुटाया क्रोध में
अब ना ओर कोई अनिष्ट हो
मेरे परिवार के लिए मुझको संभाल लो
बोली कर दो शहद सी मीठी
गुस्सा गाली कर दो काफूर
ना देवे दुआ कोई बात नहीं
किसीकी बददुआ क्यो मैं लू
इसलिए हे ईश्वर सुन कर मेरा भी विनम्र निवेदन
मदद मेरी कर दो आज
पिता को दिए वचन की रह जावे लाज
ऐसा आर्शीवाद मुझको भी दे दो आज
हे मानव निंद्रा से जागो
जीवन सार को पहचानो
गीता उपदेश को जानो
सब कुछ यही रह जाना है
फिर क्यो करो भेद भाव
आओ मिलके रहे अमन के साथ
जो बदलनी किस्मत धरा की आज
तो मानव अब तू निंद्रा से जाग
रुक रही साँसों को थाम लो
हो ना जाए देर इससे पहले
मेरे नाम की मांग सजालो
बिन तेरे कुछ भी नहीं
कैसे तेरे बिन जिया जाऊ
इन साँसों की डोर बंधी है
तेरी साँसों की डोर से
हो ना जाए देर कही
आके मेरा हाथ थाम लो
खोली जो किताब चक्कराने लगा सर
देख के पाठ मुख से निकल पड़ा
इतना बड़ा पाठ हो नही सकता मुझसे याद
सुनते ही इतना मास्टरजी बोले
बच्चे जरा खड़े हो जाओ
मुर्गा बन सब को दिखलाओ
जब हो सकते है बेहुदे गाने याद
तो क्यो नही हो सकता पाठ याद
अब तुमको आयगी नानी याद
बनते ही मुर्गा हो जाएगा पाठ याद
कैसी अजब माया कैसा अजब खेल निराला
दोस्त है मगर गिनती दुश्मनों में ज्यादा है
प्यार है मगर नफरत उससे भी ज्यादा है
चाहे किसी ओर को ये भी उनको मंजूर नही
दूर एक दूजे से रहे ये भी मंजूर नही
ये कैसा प्यार है कैसा अपनापन है
हमको मालूम नही
लगता है भाषा प्यार की समझ नही आती
हर छोटी छोटीबातों पे तलवार निकल आती है
ना जुबान पे कोई लगाम होती है
लड़ने को आतुर भोये तन जाती है
कड़वाहट वो भी नीम चडे करेले सी हो जो
दोस्तों को भी दुश्मन बना देती है
फिर भाषा प्यार की समझ नही आती है
इस सुंदर गुलिस्ता में गुलदस्ता एक सजाया है
प्यार की खुशबू इसे महकाया है
काँटो को निकाल गुलाब से इसे बनाया है
गुलदस्ते की तरह खिलता रहे चमन
पैगाम ये दिलो में महकाया है
पहन के हाथो में कंगन
पैरो में पायल , कानो में झुमका
लगा के माथे पे बिंदिया
बालो में गजरा ,हाथो में मेहंदी
पिया निहार रही साजन की राह
गाके मधुर मिलन राग बुला रही
साजन जी जल्दी घर आना
संग तेरे है हमको जाना
कर के सोलह श्रृंगार
कर रही हु तेरा ही इन्तजार
अब ना देर लगाओ
चंदा की चाँदनी ढल जावे
इस से पहले तुम आ जाओ
आ जाओ आ जाओ
सजन अब तो आ जाओ
कोशिश बहुत की पर तुझ से नफरत ना कर पाया
दिल को बहुत समझाया पर इसे मना ना पाया
फासला ज्यादा था दूर जाना जरुरी था
पर लोट के तेरे पास ही आना होगा ऐ मालूम ना था
इन्तजार उनका का किया
रात ढलने को आई
शमा बुझने को आई
पर कोई पैगाम ना लायी
बैठे रहे जिनके इन्तजार में
बेमुरबत वो ना आई
ऐसी भी क्या बेरुखी दिखलाई
की एक पल के लिए उनको
हमारी याद भी ना आई
भुलाना तुझे बहुत चाहा
पर भुला ना पाये
बीते लहमो को भूल ना पाये
कोशिश की मगर
यादो के झरोके को बंद ना कर पाये
ख़ुद को तुझ से जुदा ना कर पाये
अहसास तेरा भुला भुला ना पाये
कहने को नफरत भी की
फिर भी तुझको भुला ना पाये
चाहा तो बहुत तुम को भूल जाए
पर चाह कर भी भूल ना पाये
जुदा जुदा एक दूजे से खफा खफा
माने ना सुने ना
रूठा रूठी छोडे ना
एक दूजे बिन रह पावे ना
लुक्का छिपी छोडे ना
हर बातों पे तकरार छोडे ना
साथ एक दूजे का कभी छोडे ना
प्यार से इनकार करे ना
पर लड़ना झगड़ना छोडे ना
क्यो होती है प्रीत क्यो होता है प्यार
जो ना होती प्रीत ना होता प्यार
ना होते श्याम ना होती राधे
इनकी जुगल छबि से ही है प्रेम रस की दुनिया
दिल से दिल को जोड़ना ही है प्रेम की रचना
क्यो प्यार में होता है दर्द क्यो होते है आंसू
दर्द प्यार बडाता है आंसू गम भुलाते है
जो ना होते आंसू तो ना होता दर्द
ना पीती मीरा जहर
ना समझती पाती दुनिया प्रेम अनुराग
क्यो होती प्यार में कसीस क्यो होता है जादू
जो ना होती कसीस ना होता जादू
तो ना होती चाहत
ना होती राधा ना होती मीरा
ना बहती प्रेम की अमृत धारा
जो ना होती प्रीत ना होता प्यार
जो ना होता दर्द ना होते आंसू
जो ना होती कसीस ना होता जादू
तो फिर खुदा क्यो दिल ये बनाता
दिल की धड़कन ही है प्रेम अनुभूति
सारी दुनिया है इस ढाई आखर में ही सिमटी
हम दुश्मनों में भी दोस्त तलासते रहे
अपने हाथो अपना दामन जलाते रहे
एक अजनबी ने कहा
क्यो अपने ऊपर सितम डाहते हो
गैरों के पीछे क्यो अपनी जिंदगानी लुटाते हो
वक्त रहते संभल जाओ
लोट के अपनों के पास आजाओ
तरकश के तीर खत्म होने आए
शिकार एक हाथ ना लगा
वन वन भटका
निशाना एक ना लगा
धनुष की टंकार
हाथियों की हुंकार
नगाडो की आवाज़
शिकार एक ना निकाल पाए
आवाज़ को लक्ष्य कर जो तीर चलाया
वो निशाने पे जा लगा
शिकार के सीने को बेंध प्राण हर गया
रंग डारो रंग डारो
दिल को मेरे रंग डारो
अपने प्यार की कुच्ची से रंग डारो
लगने लगे हर नजारे हसीन
दिखने लगे रंगों की महफ़िल
कुछ इस तरह रंग डारो
पलके खुले तो सप्तरंगी घटा नजर आवे
चहु ओर रंगों की बरसा नजर आवे
कुछ इस तरह रंग डारो
मैं तेरे रंगों में रंग जाऊ
तेरे प्यार के रंगों में खो जाऊ
कुछ इस तरह रंग डारो
कोई ओर ना रंग मोहे अच्छा लागे
तेरे प्यार भरे रंगों के आगे हर रंग फीका लागे
रंग डारो रंग डारो
अपने प्यार की कुच्ची से रंग भर डारो
रंग डारो रंग डारो
मेरे दिल को भी रंग डारो
ओ दिले जाना पेशे खिदमत है दिले नजराना
तेरी कातिल अदाओ ने है दिल को मारा
तेरी भोली सूरत पे है दिल ये आया
ओ जानेजा ओ जानेजा पेशे अब ओर क्या करू
कैसे हाले दिल ये वयां करू
दिल से हसीन अनमोल कुछ ओर नहीं
मेरा तुम ऐतबार करो
प्यार मेरा स्वीकार करो
ओ जानेजा ओ जानेजा
कत्ल तुने प्यार का कर दिया
दिल हमारा लहुलुहान कर दिया
बीच भंवर में हमको दरकिनार कर दिया
डूबने के लिए हमें लहरों के साथ छोड़ दिया
किनारा भी नसीब ना हो
इसलिए विश्वास का खून कर दिया
रुसवाई की आग उन्होंने ऐसी लगाई
हमें ख़बर भी ना हो पाई
ओर आशियाना दिल का जल उठा
बेबस पथरीली आँखों से आसमा निहारते रहे
पल भर में ही दिल जलकर राख हो गया
बंजारे हम बंजारे
भटके फिरे गली गली
आज यहाँ कल वहां
सीधे सादे हम बंजारे
प्यार की भाषा हम जाने
चाहो जो हमें अपनाना
तो पहले है कबीले को अपनाना
चाहे जो भी हो जावे
टूटने न दे कबीले की मर्यादा
बंजारे हम बंजारे
भटकता रहा चहु ओर
शान्ति मिली ना किसी ओर
ज्ञान हुवा तब
मात पिता का करो ध्यान
इनके ही श्री चरणों में विराजे चारो धाम
इनकी सेवा से अमन मिले
इनके आर्शीवाद से ही राम मिले
लुट गई अस्मत बिक गया शरीर
जिस्म की मंडी में
फिर उत्तर गई एक अबला की तस्वीर
नरक के दलदल में
फंस गई एक ओर मजबूर जिंदगानी
पर कटे परिंदे सी तडपड़ाये
पर सौदागरों के चंगुल से निकल ना पाये
गुजर जिन्दगी ऐसे ही जानी है
किसी के तन तो किसी की दौलत की हवास मिटानी है
इस काल कोठरी के दायरे में ही दुनिया सिमट जानी है
एक तो नयन कमाल
ऊपर से सुरमे का कमाल
काली काली आँखों की अदा हज़ार
कजरारे नयनो की बतिया बेमिसाल
दिल चाहे इन्हे निहारे बार बार
पर ये ना छोडे नखरो का साथ
सुंदर नयनो की दांस्ता बेमिसाल
इन पे मर मिटने के किस्से हज़ार
सूर्य उदय हो आया
पूरब में लालिमा निखर आई
पंछियो ने शोर मचाया
जागो भोर हो आई
खिली खिली धुप से
जीवन अंकुरित हो चला
नई सुबह के आगमन को
मन आह्लादित हो चला
बिन कुरीतियों का चक्रभ्यु तोड़े
सामाजिक उत्थान कैसे हो
सदियों पुरानी परम्परा को तोड़े बैगर
कैसे समाज सफल हो
करनी होगी पहल
थमानी होगी रोशनी की मशाल
नये समाज गठन के लिए
करना होगा नई चेतना का संचार
किस्मत दगा दे जाती है
पास आई मंजिल भी छुट जाती है
ना जाने तक़दीर ने क्या खेल रचा है
कामयाबी द्वारे आकर लोट जाती है
रोना भाग्य पे आता है
हर प्रयास असफल हो जाता है
कैसा ये अपनापन है
कैसी ये दिल्लगी है
पाने को तुझे दिल ये मचले
कैसी प्यारी ये कशीश है
हर डोर मुझे तेरी ओर खींचे
कैसी ये लगी है
कितना हसीन ये रिश्ता है
कैसी ये चाहत है
जन्म जन्मो का बंधन हो
ऐसा ये नाता है
काश ऐसा होता
तू तस्वीर से निकल सामने आ जाती
तड़पती रूह को चैन आ जाती
मोहिनी सूरत तेरी
इन्द्र घटा बन जाती
भटकते दिल को राहत मिल जाती
किस्मत कहो या नसीब
तू मुझको मिल जाती
कुछ पल हँसि खुशी के हो
हँसने हँसाने के हो
हँसते हँसते लोट पोट हो जाने के हो
ख़ुद पे हँसने औरो को हँसाने के हो
अपने आप से दिल्लगी लगाने के हो
कुछ पल हँसि खुशी के हो
जब कभी मन हो उद्दास
तो याद मुझे करना तुम
जब कभी मेरी याद सतावे
चाँद में मेरा अक्स निहारना तुम
जब कभी आए मेरा ख्याल
हवाओ में मेरा स्पर्श अनुभव करना तुम
जब कभी करनी हो दिल की बात
हौले से आवाज़ लगना मुझे तुम
पास मुझे अपने पाना तुम
ओ सनम हर जन्म दिल का दरवाज़ा खुला रखना
जब भी याद सताए मेरी दौडी चली आया करना
जब कभी मन हो उद्दास
हमें तुम याद करना
यादो को दिल में छिपाए रखना
लबों पे मेरे गीत सजाये रखना
हर जन्म दिल का दरवाजा खुला रखना
एक ताजमहल मैं भी बनवाऊ
प्यार की इबादत उसमे खुद्वाऊ
मोह्बत की ये निशानी
नजराने में तुझे भेंट करू
महकता रहे अपना प्यार
खिलते रहे प्यार के गुलाब
दुआ रब से ये ही करू
मरके भी जो है साथ निभाना
तेरी कब्र के बगल में मेरी कब्र बनवाऊ
एक ताजमहल में भी बनवाऊ
ओ मेरे प्यारे मोहन
ओ मेरे राधा मोहन
प्रीत तुने ऐसी सिखलायी
हर दिलो में प्यार की ज्योत जलाई
सुन के तेरी अनुराग
कर सका ना कोई इनकार
झूम रहे नर और नारी
सुन के तेरी मधुर तान
थाम लिया तुने प्रेम का दामन
राधा रानी के साथ
लुटा दिया प्रेम अनुराग
बाँध लिया प्यार की डोरी से
राधा रानी का हाथ
दिखा दिया जग को
प्रेम ही है सच्ची राह
दे दिया जीने का मूलमंत्र
प्यार में ही बसे जीवन सार
ओ मेरे प्यारे मोहन
ओ मेरे राधा मोहन
जब भी आए मेरी याद
दिल से पुकारना मेरा नाम
हर ओर गूंजेगी मेरी ही आवाज़
सुनाई देगा मेरा ही नाम
ये है प्यार का कमाल
सच्चे प्यार की पहचान
दिल से दिल की बात
अब ना कहना मैं नही तुम्हारे साथ
करदो अब प्यार का ऐलान
बतला दो इस जहाँ को
एक दूजे पे मर मिटने को हम है त्यार
लगी ऐसी लगी
लहू बन नश नश में समा गई
नूर बन आँखों में समा गई
धड़कन बन दिल में समा गई
आँखों से उतर दिल में समा गई
हम में तुम समा गई
गीत पुराना है साज़ नया है
फिर भी तुमको सुनना है
हर जनम तेरे साथ निभाना है
प्यार के मीठे बोलो से
जिन्दगी का सुर सजाना है
इस कशीश को जीने की
सरगम बनाना है
गीत पुराना है साज़ नया है
फिर भी तुमको सुनना है
जब धरती मिले अम्बर से
अम्बर बरसे बन के बादल
बादल लेके आए पानी की फुहार
पानी मिले सागर में जाए
सृष्टि के कण कण में
अमृत की धारा बन जाए
ये मेरे यार सुन के दास्ता मेरी
हो ना जाए आँखे नम तेरी
दर्द भरी ये कहानी है
प्रेम की आगोश में लिपटी ये जिंदगानी है
रूठे यार को मनाने की सच्ची ये कहानी है
दास्ता ये अजब प्रेम की गजब कहानी है
मिलने से पहले बिछड़ जाने की कहानी है
तन से रूह जुदा हो जाने की कहानी है
मेरे यार सच्ची ये कहानी है
हँसते रहो हँसाते रहो
खिलते रहो खिलखिलाते रहो
क्योकि इस पल है जिंदगानी
उस पल का ठिकाना नही
कुदरत ने बुलाने की लिए
कब का वक्त मुकर्र किया
कोई ये जाने नही
यू लगता है मैं थक गया
जिन्दगी से हार गया
औरो को प्रोत्साहित करनेवाला
आज ख़ुद हतोसाहित हो गया
समझ ना आवे किस राह चलू
जीने की तम्मना करू
या मौत की दुआ करू
भाग्य लिखा टल नही सकता
नियति बदल नही सकती
रब अब तेरा ध्यान करू
सजा यही अपनी पूर्ण करू
जिसने है मात पिता का स्नेह पाया
उसने है सबसे अनमोल आर्शीवाद पाया
मात पिता के स्नेह आगे
हीरे पन्ने की चमक है फीकी
जिनके आगे स्वयं शीश झुकावे परमदेव
उनसे बड़कर दूजा ना कोई ओर
जिसने है इस राज को जाना
उसने है जीवन को पहचाना
समुद्र मंथन से जैसे हलाहल निकला
आओ वैसे ही हम समाज का मंथन करे
पुरानी कुरीति बेडिया ध्वंस करे
एक नए सुंदर समाज का सृजन करे
भगवान शंकर ने भी विष पान कर
देवतों को अमृत पान प्रदान किया
आओ हम भोले नाथ की राह चले
सामाजिक कुप्रथाओ का नाश करे
आने वाली पीडी के लिए
नए सभ्य समाज का सृजन करे
जाम छलकाते रहे रात भर
गमों में डूबे रहे दिन भर
पर दुखो को ना भुला पाये
जितना भुलाना चाहा
उतने घाव हरे होते गए
लगने लगा साकी ने भी नाता तोड़ लिया
जीने की ललक भी अब ओर ना रही
परेशानी में जाम को होटों से लगा लिया
ओर लडखडाते कदमो से अनजानी राह को निकल पड़े
तेरे इश्क में मैं देवदास बन ना पाया
तू जो अगर मुमताज बन जाती
मैं ताजमहल बनवा ना पाता
नाकाम इश्क की ये सची दांस्ता
लोगो की जुबा चढ़ ना पाती
अगर अपनी प्रेम कहानी
औरो से जुदा ना कहलाती
दिल मे ये दर्द छुपा रखा है
तेरी जुदाई का गम छुपा रखा है
तेरी यादो को सीने से लगा रखा है
तेरे प्यार में ख़ुद को भुला रखा है
दिल मे ये दर्द छुपा रखा है
तेरी जुदाई का गम छुपा रखा है
बीते लहमो को जीने का सहारा बना रखा है
तेरे इश्क को दवा बना रखा है
दिल मे ये दर्द छुपा रखा है
तेरी जुदाई का गम छुपा रखा है
तेरे आगमन से मन गृह खिल उठा
दिल का आँगन जगमगा उठा
अंधेरे को चीर प्यार की रोशनी लिए
निर्मल पावन कांति मृदुल उज्वल
प्रभा घटा चली आई
दृष्टि प्रेम की दिव्य आभा से झिलमिला उठी
तुम जो आए तो दिवाली चली आई
तन्हा तन्हा जिन्दगी कटे नही
काटे वक्त कटे नही
ख़ुद से बेगाना हो फिरू
आस की डोर थामे थमे नही
चित भटके किसी बेगानी चाह को
तलबगार कोई मिले नही
मिलने मिले हजारो
पर हमसफ़र सा कोई नही
तन्हा तन्हा वक्त कटे नही
उम्मीद की लो जला रखी है
वक्त आएगा
हमें भी गले लगा जाएगा
मंजिल हमें भी नसीब होगी
हर तम्मना पूरी होगी
रूठी किस्मत बदलेगी
तक़दीर एक दिन हमारी भी चमकेगी
विश्वास अभी है बरक़रार
ख़ुद पे हमें है पूरा यकीन
मिथ्या कुछ है नही
पर सच भी तो कुछ नही
अलग अलग राग
अलग अलग अनुराग
कही रुंदन भरी शाम तो
कही मुस्कराहट लिए प्रभात
गुजर जाती है जिंदगानी
रह जाती है बात
समझ आती नही ये बात
कुदरत की पहेली का
हल नही किसीके पास
कुछ कुछ मिथ्या
कुछ कुछ सत्या
यही है जीवन सार
गीत नया गायेंगे
साज नया बनायगे
संगीत बन लबों पे चले आयेंगे
काजल बन आँखों में बस जायेंगे
मेहदी बन हाथो में रच जायेंगे
तू कर ले लाख इनकार
फिर भी तुझ को उठा ले जायेंगे
कहने को नही आप हमारे साथ
पर दिलो में बसता है आप का प्यार
पंचतत्वों से बने शरीर
पर आप के हम पंच प्यारे
मिलके बने आप के जीवन गीत
साज बिना संगीत अधुरा
बिन पिता जीवन अधुरा
फिर भी है एक आस
पुनः मिलेगा आप का साथ
पुष्पांजलि अर्पण कर रहे
आप के श्री चरणों में हम बच्चे नादान
करलो आप स्वीकार
धरदो हम बच्चो के सर पर
अपना प्यार भरा हाथ
दिल ने कहा हमने कोरे कागज पे लिखा
कुछ होने लगा दिल आप के ख्यालो में खोने लगा
प्यार हमें होने लगा दिल आप का होने लगा
सत्य ही तो है
मौत अटल सत्य है
यादे रह जाती है उनकी सिर्फ़
कर्म जिनके हो अच्छे
रह जाते है कदमो के निशा
प्रेरणा बन नई रह दिखलाने को
इसीलिए छोड़ मोह माया का पाश
धरो ईश्वर का ध्यान
हो जायेगी बेतरनी पार
पहुँच जावोगे वेकुन्ट धाम
किस्मत ऐसी हमारी कहाँ
कोई हमें भी याद रखे
भुला आपने ऐसे दिया
जैसे इतिहास में यादो
को दफना दिया
गैरों में अपनों को तलाशा
इसलिए दोस्त कह तुम्हे पुकारा
जो बुरा लगा हो तो बात ना करना
ये तो सिर्फ़ दिल्लगी थी
दिल दुखाने की तमना ना थी
जहर तुने जो पिलाया
अमृत समझ पी लिया
अब तमना जीने की ओर ना रही
कत्ल वफा का तू ने जो कर दिया
रुसवाई के सिवा कुछ ओर ना दिया
हमें ही बेवफा बना छोड़ दिया
खुश किस्मत होते है वो
बिन मांगे जिन्हें मिले प्यार की सोगात
चंदा सूरज चले इनके साथ
नभ भी झुक कर इन्हे करे प्रणाम
तक़दीर इनकी इतलाये देख ग्रह नक्षत्रो की चाल
जीवन इनका गुजरे प्यार भरी ठंडी छाव
मरके भी ये रोशन करे जहाँ
बन के सितारा झिलमिल करे उनके साथ
है ये किस्मत की बात
उदास ना होवो मेरे यार
क्या पता तुम ही हो वो खुशनसीब इंसान
चाचा खुशनसीब है हम
जो आप को पिता रूप में पाया
पुण्ये है कोई किया
जो आप के अंगने जनम लिए
गुरुर है अपनी किस्मत पे
आप का अंश कहलाये
स्वाभिमानी आप ने बनाया
स्वालंबी होना हमें सिखलाया
कर्तव्य बोध हमको कराया
प्यार का सबक हमको पढाया
जीवन जीना आप ने सिखलाया
निर्वाण का महत्व हमको समझाया
अब बस दुआ है इतनी सी
आगे भी आप हमारा आप रखो ध्यान
हर जनम बना रहे अपना साथ
दीपावली की इस शुभ बेला रब से दुआ है हमारी
पर्व ये आप के लिए मंगलमय हो
जीवन सदा सुखमय हो
धन धान्य से भरे भंडार हो
दीपावली की तरह रोशन आप का भी जहाँ हो
ओ चाचा थे आओ ना
था बिन घर सुनो सुनो लाग है
बिन थार दिवाली फीकी नजर आव है
चाचा थे सुन लो आज माहरी मनुहार
थारा टाबर जोह थारी बाट
अब ना करो थे निराश
सगळा थान कर बहुत याद
माँ खड़ी द्वारे कर रही थारो इन्तजार
हर बाताम थारो ही नाम
था बिन नही म्हारा जीवन को सार
अब तो ना रूठो थे आज
जिद माहरी भी है आज
आनो पडसी थान इस दिवाली माहरा पास
मान्नो पडसी या छोटी सी बात
आ कर निभानो पडसी वादों जो कियो आप
इस दिवाली आनो पडसी
चाचा सुन माहरी मनुहार
ऐ मेरे रबा मेरी फरियाद सुन लेना
इस दिवाली मेरे पिता को भेज देना
हमारे दिलो के बुझे दीयो को रोशन कर देना
पल दो पल का ही सही माँ को उनका साथ मिले
हम बच्चो को उनका आर्शीवाद मिले
ऐ प्रार्थना स्वीकार कर लेना
पाती ऐ आस भरी
पिता को पढ़ सुना देना
उनकी यादो के दीपक सजाये है
उनके आगमन को तोरण द्वार सजाये है
ऐ उनको बतला देना
ऐ मेरे रबा मेरी फरियाद सुन लेना
इस दिवाली मेरे पिता को भेज देना
आओ इस दिवाली एक नए युग का सूत्रपात करे
दिल से दिल मिलाते चले
प्यार की लड़ी जोड़ते चले
माला खुशिया भरे दीपो की पिरोते चले
हर आगाज में प्यार का संदेश बरसाते चले
आओ इस दिवाली एक नए युग का सूत्रपात करे
चाचा दीपावली बिन आप के ना रोशन होगी
ना कोई खुशिया होगी
ना कोई उमंग होगी
हमारे दिलो मेंआप के यादो
के दीयोकी रोशनी होगी
आप के आर्शीवाद से जीवन रोशन रहे सदा
आप हमारे प्रेरणा स्त्रोत रहे सदा
इस दिवाली बस यही कामना होगी
दिल ऐ कह रहा है
मन ऐ तड़प रहा है
तेरे आलिंगन में कोन सा जादू है
तेरी अनुभूति का अहसास तेरे
जाने के बाद भी हो रहा है
तेरे बिना ये दिल अब चहक नही रहा है
मन महक नही रहा है
ये मेरे दिल को क्या हो रहा है
तेरी यादो में डूबा जा रहा है
तुम से मिलने जी तरसे
यू लगे सदिया बीती
प्रियतम तुम को जी भर देखे
कंचन सी तेरी काया
फूलो सी तेरी मुस्कान
दिल को देवे सुकून हजार
दिल कहे हर जनम
तेरी आगोस में लिपटा रहू
तेरे प्यार भरे आँचल में सिमटा रहू
दूरी अब सही ना जाए
तुम बिन अब जिया ना जाए
कैसा वो पल होगा
मेरे हाथो में तेरा तेरा हाथ होगा
हर कदम साथ साथ होगा
लबों पे सिर्फ़ एक दूजे का नाम होगा
मेरे नाम का सिंदूर तेरी मांग में होगा
ये दुनिया एक हसीन सपना है
जी भर जीना चाहिए
खाब टूटे इससे पहले
तम्मना पुरी कर लेनी चाहिए
खाब में सचाई का अक्स नजर आना चाहिए
तभी तो कहते है
नफासत के साथ जीना चाहिए
तेरी बाहों का जो सहारा मिला
जीवन को किनारा मिला
तेरी जुल्फों की घटा में ख़ुद को भुला दिया
झील सी सुनहरी आँखों में ख़ुद को डूबा दिया
तेरी आगोस में समां दुनिया को भुला दिया
तेरे प्यार में ख़ुद को पा लिया
तेरा जो सहारा मिला
जीने का बहाना मिला
कुदरत ने रचा खेल निराला
विश्वास की डोर हो गई कमजोर
जीवन पतंग हो गई बे डोर
उम्मीदों के आसमा को
छूने से पहले कट गई डोर
फटी पतंग देख रोना आया
दिल को बहुत समझाया
अपनी फटी किस्मत पे यकीन ना आया
कुदरत का लिखा मिट ना पाया
आंसुओ के दरिया में हमको बहा ले गया
क्यो आए तुम चले जाने को
मझे रुला जाने को
गम ऐ ना था तुम क्यो मिले
अफ़सोस इस बात का था
क्यो जिन्दगी के इस मुकाम पे मिले
समझ आए नही रोऊ या हसू
हाथ तुम भी थामे रख नही सकती
अपने अरमानो का गला घोट नही सकती
छोड़ इसलिए मुझको तुम चल दी
ओ सपनो के सौदागर , सौदागर
सपने जो तुने दिखलाये उनको है जीना
सपनो की दुनिया में ही हो अपना बसेरा
सुंदर सपने के आगे दिल कुछ ओर ना चाहे
सपने जो मिलके देखे
खाब इतना सा है वो सच हो जाए
इस जनम ऐ हसीन सपना टूट ना पाए
मुझको भी ले चल अपने सपनो की दुनिया में
ओ सौदागर सपनो के सौदागर
तेरी जुस्तजू ऐसी लगी
तेरे रंग में रंग गया
लगन ऐसी लगी
मैं तेरा दीवाना हो गया
तू दिल है मैं धड़कन
बिन एक दूजे कुछ नही
हर साँसों में तेरा ही नाम है
बिन तेरे जीना दुस्वार है
ऐ प्यारा सा खाब है
एक मीठी सी खुमार है
एक नई धारा का सृजन हो रहा है
प्राचीन और नव युग का अद्भुत संगम हो रहा है
आधुनिकता के इस युग में
नई कलात्मक कृतियों का उदय हो रहा है
एक नए संसार का शुत्रधार हो रहा है
नए भविष्य की कल्पना का सपना साकार हो रहा है
एक नई धारा का सृजन हो रहा है
तुने दिल पे दस्तक जो दी
जिया तेरे बिना अब लागे नही
एक एक लहमा लगने लगा एक सदी समान
जिस्मो जा में तेरी ही खुशबू महकी
हर साँसों में तेरी ही जुस्तजू फेली
जूनून तेरा ही जूनून
तेरी चाहत का जूनून
साँझ सबेरे मिलने आना
बहाना ना कोई बनाना
मिलके बुनेगे एक नया सपना
प्यारा सा हो घर एक अपना
प्यार से रोशन रहे आँगन अपना
खुशियों से महकी रहे अपनी बगिया
जो सच करना हो सपना
हाथ पकड़ना तुम ना भूलना
साँझ सबेरे मिलने आना
बहाना ना कोई बनाना
मैं ख़ुद में खोया रहा
चाहा बहुत खालीपन तोड़ डालु
मुश्किल घड़ी पर खतम ना होती
अकेले रह गया
साथ सब का छुट गया
जाने विधाता ने किस्मत में क्या लिखा
क्यो सब को मुझ से जुदा कर दिया
संग सब का होते हुवे भी
तन्हा मुझ को बना दिया
लगने लगा खुदा को मेरे से ज्यादा लगाव है
इसलिए किसी ओर का नाता मुझ से जुड़ने ना दिया
सोचा फुरसत निकालू कुछ पल
जिन्दगी संग बिताऊ कुछ पल
करीब से पहचानू , अपने को तलाशु
वक्त ना मिला , जिन्दगी से कहा
एक रोज मेरे पास भी आना
लेखा जोका साथ लाना
अभी के लिए माफ़ करना
पूरण अभी काम बाकी
अभी नही आई फुरसत की बारी
जिन्दगी मेरा सलाम स्वीकार करना
मन ये कहे उड़ चलू उड़ चलू
गगन गगन फिरता चलू
चहक चहक नीले अम्बर को छूता चलू
आजाद परिंदे सा डाली डाली छूता चलू
उड़ चलू उड़ चलू
खुशियों के पर लगा उड़ता चलू
कभी पर्वतो को कभी नदियों को छूता चलू
सुन के दिल की पुकार
हो के अरमानो के उड़न खटोले में सवार
उड़ चलू उड़ चलू
सुन के मन की बात दिल कहे ये बार बार
उड़ चलू उड़ चलू , उड़ चलू उड़ चलू
गागर में सागर समां गयो रे
टुमक टुमक चाल पे दिल आ गयो रे
बन के मनमीत दिल में समां गयो रे
बदरी में चाँद छिपा गयो रे
घूँघट में मुख्डो नजर आ गयो रे
देख के आँखों में नूर आ गयो रे
दिल में दिल समां गयो रे
नस नस में प्यार भरा गयो रे
गागर में सागर समां गयो रे
जलते अंगारों पे लेट गयी
पिया तेरी खातिर ज़माने के सितम सह गयी
फिर तेरी जिंदगानी में लोट ना पायी
तुने यारी अच्छी निभाई
एक बार भी हमको आवाज़ ना दी
तेरी रुसवाई पे आंसू बहाते रहे
पर बेवफा तुने पलट के भी ना देखा
ज़माने की ठोकर खाने हमें छोड़ दिया
तड़पने के लिए अकेला छोड़ दिया
धूम धड़का होने दो
खेल अजब गजब चलने दो
मारो ताली पीटो ढोल
प्यार की बारिस होने दो
खिले फूल छुटे फुल्झडिया
मुस्कान रोनक भरी आने दो
बज रही शहनाई
दुल्हन को घर आने दो
जिन्दगी के चक्रभ्यु में ऐसे फंसे
ख़ुद से ख़ुद को रूबरू ना करा पाए
वक्त पंख लगा उड़ता चला गया
यादो को समेट भी ना पाए
जिस जिन्दगी की तलाश में भटके
उसे अपने में तलाश भी ना पाए
जिन्दगी के असली दर्पण को समझ ना पाए
अपने ही अक्स को पहचान ना पाए
इस चक्रभ्यु को समझ ना पाए
जी के भी जी ना पाए
रंगत है गुलाल की
खुशबू है गुलाब की
धडके जो दिल में
पहचान है प्यार की
चाँदनी है चाँद की
मादकता है शराब की
तस्बीर जिनकी नजरो में
पहचान है आशिके गुलाम की
मैं तो खेलू होली मेरे सावरिया गिरधारी के संग
नाचू खूब उडाऊ गुलाल मुरली मधुर की बांसुरी तान पे
श्याम वरन रंग जाऊ अपने नटवर के साथ
मोहे भाये ना कोई दूजा रंग प्यारा लागे श्याम रंग
मैं तो खेलू होली मेरे माखन चोर के संग
रिश्ता प्यार भरा हो
जिसमे अपनापन हो
फूलो की तरह जो महके
पंछियों की तरह जो चहके
संगीत की जिसमे सरगम हो
नगमो की जिसमे साज हो
ईश्वर की जिसमे आराधना हो
ऐसा रिश्ता मेरा तेरा हो
करले करले तू एक मुलाकात करले
ना चाहते हुए भी हम से प्यार करले
करले करले तू एक मुलाकात करले
थोडी सी मोहलत हम को तू दे दे
दिल अपना दिखलाने की इज्जाजत दे दे
करले करले तू एक मुलाकात करले
थोडी इज्जाजत हम को भी दे दे
एक बार प्यार करने का मोका हम को भी दे दे
करले करले तू एक मुलाकात करले
प्यार के जहा में खो जाने की इज्जाजत दे दे
प्यार में दुनिया भूल जाने का सबक हम से सीख ले
करले करले तू एक मुलाकात करले
अब चाहत ओर ना रही
कुछ पाने की लालसा ओर ना रही
जीने की तम्मना ओर ना रही
दिलो को रुलाने की तम्मना ओर ना रही
बदलते रंगों में जीने की तम्मना ओर ना रही
तन्हा रहने की आदत ओर ना रही
जिन्दगी जीने की तम्मना ओर ना रही
हर लहमो के लिए कुछ लिखा
पर अपने लिए कुछ ना लिखा
वक्त ही ना मिला
कब लहमा गुजर गया
पता ही ना चला
तमना अधूरी रह गई
ओर जिन्दगी गुजर गई
स्नेह स्नेह स्नेह बढा
हम दोनों के बीच प्यार बढा
हौले हौले इकरार बढा
दिलो में एक दूजे के लिए लगाव बढा
आहिस्ते आहिस्ते एतबार बढा
एक दूजे के संग जिन्दगी
जीने का रंग चडा
नजाकत और सुन्दरता की
खुबसूरत संगम हो तू
शबमी बूंदों में लिपटी
जैसे कोई अप्सरा हो तुम
प्यार का सागर छलकाती
मोहन की मीरा हो तुम
हर लहमा तुम्हे याद करते है
जीने के लिए तेरे प्यार की पनहा मांगते है
तेरे प्यार में खुदा से लड़ जाने का जज्बा रखते है
तू जो हां कह दे तो तुझे अपनाने का होंसला रखते है
मुश्किल घड़ी पड़ी
याद किया ईश्वर को
संकट जो टला
पल ही दो पल में
भूल गए ईश्वर को
आदत ना बदली
छलना ना छोड़ा ईश्वर को
दो मुहें मानव की नोटंकी के आगे
फिसल जावे ईश्वर हो
मुश्किल घड़ी टलते ही
भूल जावे ईश्वर को
आ फिर चले बैठे सागर के पास
खो जाए सागर की लहरों में
थामे रहे एक दूजे का हाथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
करे दिल की बात
ना छूटे एक दूजे का साथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
लहरों पे डोलती नैया से सीखे ये बात
मुश्किल घड़ी भी बना रहे अपना साथ
आ फिर चले बैठे सागर के पास
सागर की हलचल से ले ले ऐ अहसास
प्यार की नही कोई पहचान
आ फिर चले बैठे सागर के पास
दिल आज शायर हो रहा है
परियो के मेले में हुस्न की
शहजादी को को तलाश रहा है
तराने नए गा रहा है
लैला लैला पुकार रहा है
नगमे प्यार भरे सुना रहा है
दिल आज शायर हो रहा है
कितनी खुबसूरत ये सृष्टि है
हर पल अलग अलग नजारे है
कही धुप तो कही छाव है
बड़ी सुंदर ये रचना है
कही बसंत तो कही पतझड़ का मेला है
कल्पना से परे ये अजबूझ पहेली है
कुदरत की ये बेमिशाल कृति है
ये शोभाग्य हमने पाया
आप को पितृ रूप में पाया
प्यार का पाठ आप ने पढाया
उन्नति मार्ग हमको दर्शया
इस पितृ ऋण को कभी ना चुका पायेंगे
वचन जो दिया पूर्ण कर जायेंगे
ये जीवन आप के चरणों में
समर्पण कर जायेंगे
गर्व के संग आप का अंश कहलायेंगे
नाम आप का अमर कर जायेंगे
पितृ स्नेह की कथा
भविष्य को अर्पण कर जायेंगे
हुस्न की महफ़िल में तुम्हारी कमी थी
काँटो के बीच गुलाब की कमी थी
सूरज के साथ चाँद की कमी थी
रंगों की भीड़ में रोनक की कमी थी
अजनबियों के बीच अपनों की कमी थी
एक तुम्हारे बैगर हर महफ़िल अधूरी थी
पलके खुले तेरा चाँद सा चेहरा नजर आए
मुख खुले तो तेरा ही नाम लबों पे आए
जब सुने तो तेरी ही मधुर तान सुने दे
हर दिन हर पल हर जगह
बस तू ही तू नजर आवे