Saturday, July 23, 2011

पिता की याद

भींगी पलके नाम आँखे

याद दिला रही आपकी बातें

छोड़ इस रोज साथ हमारा

इस जग को आप त्याग गए

पर सच्चे मार्ग दर्शन को

सुनहरी यादों की सौगात दे गए

अनूठा प्यार

अनूठा है प्यार अपना

फासला है इतना

मिलन कभी हो सकता नहीं

पर एक दूजे बिन रह सकते नहीं

तुम चाँद बन गयी

मैं धरा बन गया

एक दूजे को बस निहार सके

अपने प्यार की ऐसी नियति बन गयी

सावधान

सावधान होशियार

हवालदार खबरदार

जाग रहा है पहरेदार

आँख मिचोली खेल रहा

चोरों का है सरदार

सतर्क निगाहों ने पकड़ ली

चोर की ह़र चाल

जरा सी चुक से

चोर बेचारा पहुँच गया हवालात

सवधान होशियार

Friday, July 22, 2011

कशमकश

ना इनकार ना इकरार

कशमकश में उलझी सांस

ह्रदय कहे

प्रगट करे कैसे इस दीवाने दिल के विचार

सिर्फ दो लफ्जों की है बात

कांपते है लव

पर कहने में दिल की बात

क्या पता उनको अच्छी ना लगे

जज्बातों भरी पात

कशमकश में उलझी है सांस

अंतिम साँसे

चिर शैया पर लेटी

अंतिम साँसे गिन रही जिन्दगी

गुजर गया ह़र वो पल वो लहमा

ललक थी जिसमे जीने की

अब तो सपना बन रह गयी जिन्दगी

बस कुछ पल की मेहमा रह गयी जिन्दगी

अनंत निंद्रा में विचरण

व्याकुल हो गयी जिन्दगी

झलक जीवन की दूर हो गयी जिन्दगी

पलकें सदा के लिए मूंद ली जिन्दगी

कर सफ़र जीवन का खत्म

विदा हो गयी जिन्दगी

विदा हो गयी जिन्दगी

प्यार की बात

कितनी मधुर दिलकश होती है

प्यार की बात

आती है जब जुबां पे

छेड़ जाती है दिल के तार

चहक उठती है सपनों की दुनिया

सुन उमंग प्यार की बात

खाब्बों सी हसीन दिलकश होती है

दिल की आवाज़

मिली होती है इसमें

जज्बातों की मिठास

कशीश होती है प्यार की

बहती है जो सपनों के साथ

इतनी मधुर दिलकश होती है

प्यार की बात

निंद्रामग्न

ठहराव है विखराव है

समुद्र की लहरे भी लाजबाब है

ना वो वेग है

ना वो तरंग है

धारा जैसे मौन है

खामोश समुद्र जैसे निंद्रामग्न है