Saturday, September 29, 2018

नायाब

सहर ने एक नायाब शब्बाब इख्तियार कर लिया

रूहानियत आफरीन अकदित हो उठ आयी

खुल्द खुलूस तस्कीन से जो अब तलक महरूम थी 

आज मुख़्तलिफ़ बन मय्सर हो आयी 

अमादा हो गयी मानो जमाल की अकीदत 

लिहाज़ लहज़ा वसल जैसे एहतिराम कर आयी 

नूर मुकादस सिफ़र ना था इसका , इसलिए

हर शबनमी कतरा इस पर फ़ना हो आयी  

रंजिश मिथ्या तल्खी कहर अब गुजरी रात थी 

आबशार सा शब्बाब लिए वो आज आफ़ताब की चाँद थी 

मय्सर ऐसे हो गए आज उनके नवाजिसों कर्म 

उन्स मानों जैसे काफिलों की बारात बन आयी 

रंग ऐसा चढ़ा उनका बदलते पैमानों की रफ़्तार पे 

वसल नजाकत सिद्दत बन गयी रक्स के राग पे

रक्स के राग पे , रक्स के राग पे

Saturday, September 22, 2018

पतन

गुजरता रहा ठहरता रहा

इस खुशफ़हमी में जीता रहा

खुदा हूँ इस दिल का

इसलिए औरों से किनारा करता रहा

अहंकार के वशीभूत उस चौराहें खड़ा था

जहाँ न कोई तर्पण था न कोई अर्पण था

मरुभूमि की मृगतृष्णा सा

अज्ञानी प्यासा अकेला सा खड़ा था

चिंतन मनन अब कल का हिस्सा था

इन दरख़तों में तो सिर्फ और सिर्फ

अब बबूल का झाड़ था

फितरत कायनात का भी सबक था

औरों को तुच्छ समझना

अपने पतन का मार्ग था

अपने पतन का मार्ग था  


Thursday, September 20, 2018

नावाकिफ़

इस अंजुमन में एक कसक अभी बाकी हैं

तेरे से इश्क़ लगाने की उम्र अभी बाकी हैं

अहसासों का रूह से मिलन अभी बाकी हैं

शायद अरमानों के ताबीर से

इसे रूबरू होना अभी बाकी हैं

हृदय एकाकार हो

अंगीकार की मिलन बेला अभी बाकी हैं

क्योंकि पूर्णमासी की रात अभी आनी बाकी हैं

इस दिल के दरम्यां एक बात बहुत पुरानी हैं

तस्वीर तेरी छिपा रखी इस तिल्सिम में

ज़माना तो क्या तू भी इस खबर से

अब तलक नावाकिफ़ हैं

क्योंकि दीवानगी  कच्ची उम्र

अभी सयानी होनी बाकी हैं

अभी सयानी होनी बाकी हैं

Saturday, September 1, 2018

इशारे

आँखों के इशारों से 

क्या खूब खत लिखें उन्होंने

भाषा ख़त की परिभाषा

मानों नयनों के रंगो में रंग गयी

आँखे लबों के अल्फ़ाज़

और इशारें खतों के पैगाम बन गयी

पलकों में सपनों की तरन्नुम

ऐसी फिर रच बस गयी

हर आरज़ू की तम्मना

उनके इशारों की रह गुजर बन गयी

मानों जैसे हर इशारों के नूर से

ख़ुदा रूह में उतर गयी

कहदी बात दिल की उन्होंने

इशारों ही इशारों में

लड़ते रहे पेंच नयनों के

खतों के इन खूबसूरत लिफाफों से

बरसते रहे पैगाम

नयनों के इन हसीन इशारों से

बंद ना हो पलक

ओझल ना हो संदेश

नयनों  के इन हसीन गलियारों से 

नयनों  के इन हसीन गलियारों से