Saturday, April 6, 2013

दोस्ती की बहार

बातों के जज्बातों में जब बात चली

दो अजनबियों बीच दोस्ती की मिठास बड़ी

एक ही सफ़र के दोनों हमसफ़र

मिले जब अनजाने में

दोस्ती की चाह ओर बड़ी

उम्र की दहलीज ने

डाल रखी रिश्तों की बेड़ियाँ थी

पर सीमित दायरे की परिधि से भी

महक रही दोस्ती की मिठास थी

छोटे छोटे जज्बातों ने

रंग दी दोस्ती की हतेलियाँ थी

जो रच बस दिलों में

खिला रही थी दोस्ती की बहार नयी 

No comments:

Post a Comment