Wednesday, September 4, 2013

ख़त

ख़त आपको लिख भेजा है

हाले दिल वयां किया है

स्याही बना लहू को

दिल ए जज्बातों को उकेरा है

गुम हो ना जाए कही ये

खतों के अम्बार में

नजरे इनायत आपकी भी हो

हमारे प्यार भरे इकरार पे

ओ मेरी नूर ए नजर

बैरंग इसलिए ख़त भेज दिया है

सीने से जब आप इसे लगाओगी

बिन पढ़े ही

मजमु दिल में उतर आएगा 

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