स्पर्श स्पन्दन खामोश अधरों उलझेअधूरे अल्फाजों की l
तस्वीर एक ही उकेरती सूनी सूनी पत्थराई आँखों की ll
पैबंद लगी तुरपाई हुई काश्तकारी रूह इसके सपनों की l
बिनआँसू सुई सी चुभती सीने दिल टूटे अरमानों की ll
समय अकेला समर गहरा संबंध विच्छेद नादान सा l
कटाक्ष बाण चक्रव्यूह रण निगल गये निदान काल सा ll
मुखबिरी व्यथित बदरंग इनके रुदन शब्द आवाजों बीच l
मुनादी कोलाहल बेंध रही छाती कर्णताल ध्वनि धैर्य बीच ll
रोम रोम कर्जदार पाटों की इन बिखरी चट्टानों बीच l
लुप्त हो गयी तरुणी सागर कहीं इसके क्षितिज तीर ll