तेरी कातिल नजरों ने
चल दी अपनी चाल
तेरी मुस्कराहट पे
दिल हो गया कुर्बान
संग दिल अब ना बनो यार
अब तो कर दो
प्यार का इजहार
तेरी कातिल नजरों ने
चल दी अपनी चाल
तेरी मुस्कराहट पे
दिल हो गया कुर्बान
संग दिल अब ना बनो यार
अब तो कर दो
प्यार का इजहार
डगर डगर नगर नगर
पनघट पनघट फैली खबर
मीरा हो बाबरी
रटत फिरत है
ले श्याम का नाम
श्याम कहे मत भटक बाबरी
हम तो तेरे ह्रदय ही विराजमान
हम बंद आँखों से
आप का दीदार करते है
दिल जो तस्वीर बना है
उस कल्पना को
कविता में पिरों कर
ह्रदय में बसा लेते है
सुन्दर नाजुक कोमल तन
प्यार भरा मीठा मन
कमसिन जिन्दगी भोलापन
खिलता यौवन मुस्कराता बचपन
तेरे इस हसीन वर्णन में
झलक रहा मेरा समर्पण
करू तुझे मैं अर्पण
कह रहा मेरा मन