Saturday, September 3, 2011

इम्तिहान

धैर्य धर धीरज रख

इम्तिहान की ऐ घड़ी भी गुजर जायेगी

जीत ली जो संयम की बाज़ी

इस रात की सुबह फिर आएगी

बुलंद रख हौसले को

हार भी जीत में बदल जायेगी

अंतर्ध्यान

पल में सब कुछ भूल गया

आवारा पागल हो गया

हसरतें गुजरे कल की बात हो गयी

कलम जो साथ थी

वो भी साथ छोड़ गयी

अब तो याद ही ना रहा

शब्दों की प्रेरणा कब अंतर्ध्यान हो गयी

Sunday, August 21, 2011

आन्दोलन

रिश्वतखोरी के खिलाफ आन्दोलन ऐसा छा गया

ह़र हिन्दुस्तानी सड़को पे आ गया

देख इस जन आक्रोश

असमंजस में घिर गयी सरकार

सोचा ना था भ्रष्टाचारके खिलाफ

कभी ऐसा भी उमड़ेगा जन सैलाब

मूकदर्शक बन गयी निक्कमी सरकार

सुनी नहीं इसने वक़्त की आवाज़

छिड़ गया जो रण अब भ्रष्टाचार के खिलाफ

कमर कसह़र हिन्दुस्तानी हो गया त्यार

अपने लहू से लिखने एक नया इतिहास

दिलाने देश को उसको खोया सन्मान

जागो लोगो ए है वक़्त की पुकार

जय भारत जय हिंदुस्तान

Thursday, August 11, 2011

खफा

जिन्दगी मैं तुझसे खफा नहीं

पर देने के लिए मेरे पास

दुआओं के सिवा कुछ ओर नहीं

ह़र पल तुने नये रंग दिखलाए

जो सच ना हो सके

उन खाब्बों के संसार बनाये

ख़ुशी कभी मिली नहीं

ओर आंसुओं ने साथ कभी छोड़ा नहीं

फिर भी ए जिन्दगी मैं तुझसे खफा नहीं

संदेशा

बादलों में संदेशा है

हवाओं ने रुख मेरा घेरा है

वर्षा में रंग मेरा है

बूंदों में तन तेरा है

भींगे तुम जो सजन

मधुर मिलन ए अपना है

बादलों में संदेशा है