Friday, January 6, 2012

पिता की याद

स्वीकार कर श्रद्धा के फूल

करदो आस हमारी पूर्ण

आशीर्वाद आपका संग रहे सदा

जैसे यादों के चिराग रोशन रहे सदा

बंधन

तेरी घनी जुल्फों में छुप जाऊ

या तेरी सुनहरी आँखों में कैद हो जाऊ

दिल पर यह कह रहा है

आँचल बन तेरे सीने से लिपट जाऊ

कभी जुदा ना हो सके

उस प्यारे से बंधन में बांध जाऊ

भाना

आँखों की वो भाषा

हाथों का वो इशारा

भा गया दिल को

जानेमन तेरे प्यार का तराना

किस्मत का सितारा

फिजा की महक बन जाऊ

खाब्बों के रंग बन जाऊ

आँखों की नींद बन जाऊ

मिल जाये प्यार सच्चा तो

दिल के अरमान बन जाऊ

माथे की बिंदिया बन जाऊ

पूजा की थाल बन जाऊ

तुम जो चाहो तो तेरे इश्क में

देवदास बन जाऊ

मजनू बन जाऊ

दीवाना बन जाऊ

तू जो कह दे तो

तेरा सिंदूर बन जाऊ

तेरा चाँद बन जाऊ

तेरी किस्मत का सितारा बन जाऊ

क्षण दो क्षण

प्रकृति की गोद में बैठ

क्षण दो क्षण कुदरत निहारु

उदभव उदय उत्सर्ग निहारु

चंचल सौम्य स्वरुप निहारु

बदल रही घटाओं में

अंकुरित हो रहे नये बीज निहारु

इस रमणीय हसीन नजरे को संजो रखने

प्रकृति की गोद में बैठ

क्षण दो क्षण कुदरत निहारु