इन्तजार था यार का
तपस्या थी प्यार की
वो आएगी फिर से
ऐतबार था दिल पे
नाम लिखा जिसका इन साँसों पर
इन्तजार रहेगा उनका आखरी पल तक
बिन मिले यार से
जुदा ना हो पाएगी रूह जान से
वो आएगी फिर से
कह रही धड़कने बाकी
सफल होगी आरधना सारी
मिलेगा प्यार फिर से
Monday, June 11, 2012
तड़प
नैन ढूंढे ऐसे तुझे
जिस्म से रूह जुदा हो गयी जैसे
तड़प रहा हु ऐसे
खो गयी हो साँसे कहीं जैसे
सूनी हो गयी आँखे ऐसे
पत्थर की मूरत हो कोई जैसे
खामोश हो गए लब ऐसे
खो गए लफ्ज कहीं जैसे
नैन ढूंढे ऐसे तुझे
जिस्म से रूह जुदा हो गयी जैसे
नैन ढूंढे ऐसे तुझे
जिस्म से रूह जुदा हो गयी जैसे
तड़प रहा हु ऐसे
खो गयी हो साँसे कहीं जैसे
सूनी हो गयी आँखे ऐसे
पत्थर की मूरत हो कोई जैसे
खामोश हो गए लब ऐसे
खो गए लफ्ज कहीं जैसे
नैन ढूंढे ऐसे तुझे
जिस्म से रूह जुदा हो गयी जैसे
नैन ढूंढे ऐसे तुझे
Thursday, June 7, 2012
क्यों
अजनबियों से तुम क्यों लग रहे हो
क्या राज है जो दिल में छुपा रहे हो
है जिस शरमों हया के मुरीद हम
वो हमसे क्यों चुरा रहे हो
क्या बात है तुम नजरे बचा रहे हो
क्यों खिले गुलाब को मुरझा रहे हो
अजनबियों से तुम क्यों लग रहे हो
क्या राज है जो दिल में छुपा रहे हो
है जिस शरमों हया के मुरीद हम
वो हमसे क्यों चुरा रहे हो
क्या बात है तुम नजरे बचा रहे हो
क्यों खिले गुलाब को मुरझा रहे हो
अजनबियों से तुम क्यों लग रहे हो
Saturday, June 2, 2012
कहकहे
कहकहों में ग़मों को भुला दूँ
हँसती रहे बस जिंदगानी
बेफिक्री में जिन्दगी लुटा दूँ
दिल जो एक बार मुस्कादे
ग़मों के बादल छटा दूँ
जिन्दगी बस जिंदादिल बनी रहे
कहकहों में ग़मों को भुला दूँ
हँसती रहे बस जिंदगानी
बेफिक्री में जिन्दगी लुटा दूँ
दिल जो एक बार मुस्कादे
ग़मों के बादल छटा दूँ
जिन्दगी बस जिंदादिल बनी रहे
कहकहों में ग़मों को भुला दूँ
Friday, June 1, 2012
दर्द की जुबां
काश मैं अपने दर्द को जुबां दे पाता
दर्द आखिर होता क्या है
ए खुदा तुमको भी ए बतला पाता
जो गम समेटे इस छोटे से दिल में
उनसे रूबरू तुमको भी करवा पाता
काश में अपने दर्द को जुबां दे पाता
जीन आँखों से आंसुओ ने भी नाता तोड़ लिया
उन सूनी आँखों कर दर्द तुमको दिखला पाता
अपने बिखरे सपनों के रंग तुमको वयां कर पाता
काश मैं अपने दर्द को जुबां दे पाता
दर्द आखिर होता क्या है
ए खुदा तुमको भी ए बतला पाता
जो गम समेटे इस छोटे से दिल में
उनसे रूबरू तुमको भी करवा पाता
काश में अपने दर्द को जुबां दे पाता
जीन आँखों से आंसुओ ने भी नाता तोड़ लिया
उन सूनी आँखों कर दर्द तुमको दिखला पाता
अपने बिखरे सपनों के रंग तुमको वयां कर पाता
काश मैं अपने दर्द को जुबां दे पाता
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