मद्धिम मद्धिम रोशनी
मध्यम मध्यम तारे
चंदा खेले आँख मिचोली
कभी बादलो में छुप जाय
कभी निकल आय
रात ढले धीरे धीरे
चंदा भी घर जाय
जाते जाते तारो को चाँदनी दे जाय
धीरे धीरे सूरज बन
रोशनी की नई किरण बन आय
मध्यम मध्यम तारे
मंद मंद गति से चले जाय
मद्धिम मद्धिम रोशनी
मध्यम मध्यम तारे
चंदा खेले आँख मिचोली
कभी बादलो में छुप जाय
कभी निकल आय
रात ढले धीरे धीरे
चंदा भी घर जाय
जाते जाते तारो को चाँदनी दे जाय
धीरे धीरे सूरज बन
रोशनी की नई किरण बन आय
मध्यम मध्यम तारे
मंद मंद गति से चले जाय
लगे मन को भाने पकवान
जब शुमार हो उसमे
माँ की ममता
बहन का दुलार
पत्नी का प्यार
बेटी का साथ
तो फिर क्यो ना लगे पकवान लाजबाब
सच है की नही जनाब
रबा हो मेरे रबा
सुन ले मेरी तू फरियाद
कर दे विपदा का नाश
शरणों में तेरी आया हु आज
मत करना तू निराश
रबा ओ मेरे रबा
सर पे मेरे रख दे तू अपना हाथ
तेरी दुआए रहे सदा मेरे साथ
करू मैं तुम्हे बारम्बार प्रणाम
मेरी गलतियों पे ना देना तुम ध्यान
रबा ओ मेरे रबा
करता हु ऐ वादा तुझ से मैं आज
कभी ना करूँगा कोई अनुचित काम
सुन ले मेरी भी प्रार्थना तू आज
सेवा का एक मोका मुझ भी दे दे तू आज
रबा ओ मेरे रबा
नित सुबह शाम धरु मैं तेरा ध्यान
मेरा भी तू बन जा करनधार
तेरे नाम की महिमा अपार
कर ले मुझको भी अपने भक्तो में शुमार
रबा ओ मेरे रबा
विनती सुन ले मेरी तू आज
कर दे मुझे भी भवसागर पार
हर जगह तेरा ही है वास
मेरे दिल में भी रहे तेरा ही वास
रबा ओ मेरे रबा
सुन ले मेरी भी फरियाद
श्याम रस से भरी तेरी गगरिया
फिर काहे को भटके बनके तू मीरा
श्याम नाम तुने लिया है जो अपनाए
छोड़ मोहन कैसे तुझको जाए
श्याम रंग में जो डूब गई
सांवरिया कैसे ने आए
अटूट ऐ बंधन है
कैसा विचत्र ऐ बंधन है
जनम और मृत्यु का अजब ऐ बंधन है
कटु सत्य ऐ बंधन है
मोह माया से भरा ऐ बंधन है