मीरा पी गयी विष का प्याला
रटते रटते कृष्ण नाम तुम्हारा
लाज रखी तुमने प्यार की
विष बन गया अमृत प्याला
जीत गयी मीरा की प्रेम गाथा
मीरा तो रटे बस नाम तुम्हारा
मीरा पी गयी विष का प्याला
रटते रटते कृष्ण नाम तुम्हारा
लाज रखी तुमने प्यार की
विष बन गया अमृत प्याला
जीत गयी मीरा की प्रेम गाथा
मीरा तो रटे बस नाम तुम्हारा
सुन के तेरी प्रीत रागिनी
तेरे प्यार भरे ख्यालों में
खो गयी दुनिया सारी
छू गयी तेरी हँसी दिल को
बोल उठी खामोश जुबाँ भी
साया बन थामा जो हाथ
होने लगा प्यार का कमाल
मुर्दा दिल भी जाग उठा
कहने लगा
तू ही मेरे दिल की साज
तू ही मेरा प्यार
भरी सभा द्रोपदी का चिर हरण होने लगा जब
हाथ जोड़ याद किया कृष्ण को तब
साड़ी का आँचल इतना बड़ा दिया
थक हार गए कौरव सारे
मिला ना अंत छोर साड़ी का
देख कृष्ण तेरी माया
चकित रह गया जग सारा
कृष्ण की बांसुरी ताल पे
ता था थैया नाचे राधा रानी
नंदनवन रास रचावे कृष्ण मुरारी
सखिया संग झूमे राधा रानी
संगम तट खेले कान्हा त्रिपुरारी
संग आँख मिचोली खेले राधा रानी
है जग में विख्यात इनकी प्रेम कहानी
बिन राधा अधुरा मुरारी
गुमान नहीं अभिमान है
मेरे पिता पे मुझे नाज है
झुके नहीं टूटे नहीं
विपता जब भी आयी
शूरवीरों की तरह डटे रहे
साथ छोड़ चले गए अपने भी जब सभी
हिम्मत हारी नहीं तब भी कभी
आत्मविश्वास के बलबूते
पाली पुन: शोहरत सारी
धूमिल हो गयी थी जो
विपति काल में