Tuesday, April 3, 2012

संतुष्टि

खुशियाँ इतनी मिली दर्द से नाता जोड़ लिया

गुलाब बन काँटो के संग रहना सीख लिया

ह़र गमों को मुस्कराते हुए जीना सीख लिया

अरमानों कर अम्बार लगा था

चाहतों से स्वाभिमान बड़ा था

जो मिला

हँसी खुशी उसमे बसर करना सीख लिया

खुशियाँ या गम , कम हो या ज्यादा

ह़र उस पल को

आत्मसंतुष्टि संग जीना सीख लिया

गुलाब बन काँटो के संग जीना सीख लिया

Monday, April 2, 2012

कुछ

कुछ टटोल मैं रहा हु

आंसुओ का सागर समेट रहा हु

उस अनछुई खुशी को

पहेली बन ऊलझ गयी जो

अन्दर अपने टटोल रहा हु

कुछ टटोल मैं रहा हु

आंसुओ का सागर समेट रहा हु

मिल जायेगी जो मृगतृष्णा

भर आयेगे ऐ दो नयना

उस पल छलकाने खुशियाँ

इस पल समेट रहा हु आंसुओ का झरना

कुछ टटोल मैं रहा हु

आंसुओ का सागर समेट रहा हु

कुछ मैं टटोल रहा हु

Monday, March 19, 2012

श्रद्धांजलि

ले आँखों में पानी

हाथों में फूल

श्रद्धांजलि अर्पण करे

आपकी आँखों के नूर

छिटक रही यादों की रोशनी 

कह रहे दिलों के बोल

ह़र जन्म बंधी रहे

अपने साँसों की डोर

Friday, March 16, 2012

रूमानी शाम

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

दीदार हुए जब चाँद के

छलक गए नयनों के जाम

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

शबनम में जैसे लिपटा गुलाब

चुरा ले गया दिल के तार

फ़िदा हो गयी मोहब्बत

निखर गयी चहरे पे मुस्कान

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

सुन झनझन झांझर की झंकार

छन छन चूड़ियों की खनकार

मचल गए दिल के अरमान

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

Wednesday, March 14, 2012

अधूरे अहसास

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है

टूटती है निंद्रा

सपने बिखर जाते है

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है

संग कोई चलता नहीं

तन्हा अकेले खड़े रह जाते है

कुछ अहसास अधरे रह जाते है

धडकनों का क्या

साँसे गिनने को

दिन भी कम रह जाते है

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है