Wednesday, December 23, 2009

आत्मा

कहा दु:खी आत्मा ने भटकती आत्मा से

क्यो न हम तुम मिल जाए

कुछ तो दुनिया का भला कर जाए

अकेले अकेले सताने से अच्छा

दोनों मिल दुनिया को सताए

मज़ा आयेगा खूब

सिसकिया भरती आत्माओ

से जब होगी मुलाकात

1 comment:

  1. शुरू से अच्छा ही लिख रहे हैं आप |

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