Friday, March 4, 2011

तिरंगे की शान

गुंजायमान हो धरती आकाश

विजय ध्वनि शंखनाद के संग

रहे ना कोई अनपढ़ गंवार

अलख परिवर्तन की जगे

मिले सबको शिक्षा का अधिकार

बने एक सभ्य समाज

हो देश को जिसपे नाज

विश्व शिखर पे लहराए

तिरंगे की शान

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