POEMS BY MANOJ KAYAL
इश्क अपना गुजरे ज़माने की बात हो गयी
सदिया गुजर गयी
पर कशीश की महक
दिल की वादियाँ खिला गयी
सोयी यादों को फिर से जगा गयी
No comments:
Post a Comment