Friday, March 4, 2011

हिंसा

मचा हिंसा का तांडव ऐसा

धधक उठा नफरत का दावानल

किया हैवानियत ने ऐसा शर्मशार

पल में फैलया दिया अमावास का अँधियारा

ह़र ओर पसर गया मौत का सन्नाटा

हुडदंग शोरशराबे में

खो गयी मानव चीत्कार कहीं

मासूमो के खून से

रंग गयी देश की आन बान सभी

खत्म हो गया सब

बदल गयी पहचान


No comments:

Post a Comment