Wednesday, March 16, 2011

शोले

मौजो की मस्ती से

साहिल के किनारे टूट जाते है

अश्को के सैलाब में

सारे गुम घुल जाते है

आंधी की मस्ती में

चमन के चमन उजड़ जाते है

प्यार के वयार में

नफरत के शोले दब जाते है

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