Saturday, July 23, 2011

अनूठा प्यार

अनूठा है प्यार अपना

फासला है इतना

मिलन कभी हो सकता नहीं

पर एक दूजे बिन रह सकते नहीं

तुम चाँद बन गयी

मैं धरा बन गया

एक दूजे को बस निहार सके

अपने प्यार की ऐसी नियति बन गयी

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