गुजारिश की है चाँद ने
छुपा ले अम्बर बाहों के आगोश में
इज़हार कर रही हूँ तम्मना
अटखेलियाँ करूँ समा जाऊ
खो जाऊ तेरी लहराती वयार में
घूँघट बन जाए तू मेरा
छुपा लू मुखड़ा तेरे बादलों की आट में
इतराऊ रूप बदल बदल शर्माऊ
दीवाना बना दू मेरे घटते बड़ते आकार से
गुजारिश की है चाँद ने
छुपा ले अम्बर बाहों के आगोश में
छुपा ले अम्बर बाहों के आगोश में
इज़हार कर रही हूँ तम्मना
अटखेलियाँ करूँ समा जाऊ
खो जाऊ तेरी लहराती वयार में
घूँघट बन जाए तू मेरा
छुपा लू मुखड़ा तेरे बादलों की आट में
इतराऊ रूप बदल बदल शर्माऊ
दीवाना बना दू मेरे घटते बड़ते आकार से
गुजारिश की है चाँद ने
छुपा ले अम्बर बाहों के आगोश में
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteatest post महिषासुर बध (भाग २ )
शुक्रिया महोदय
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