Tuesday, November 19, 2013

सपने

छोटे छोटे सपनो कि बड़ी बड़ी दास्ताँ है

हालातों के दरमियाँ

बुनते बिखरते सपनो कि दास्ताँ है

बड़ा ही मजबूर लाचार विवश

दर्द से भरा संसार है 

टूट जाते है सपने

हक़ीक़त कि परछाई नजर जब आती है

कदर नहीं इंसान कि इस संसार को

दिल तोड़ने में ही इसे आनंद आता है

फिर भी

इंसान को सपने बुनने में ही आनंद आता है



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