मैंने ख़ामोशी को हमराज बना लिया
लफ्जों को जुबाँ ना दू
इसलिये
बातें जो दिल में थी
उन्हें वही दफ़न कर दिया
जज्बातों की आँधी से
मर्माहत ना हो रिश्ते
मैंने इसलिए ख़ामोशी को
हमराज बना लिया
मंजर ख़ामोशी का
बड़ा ही भयावह है
पर अपनों की खातिर
छोड़ लफ्जों का साथ
मैंने ख़ामोशी को हमराज बना लिया
लफ्जों को जुबाँ ना दू
इसलिये
बातें जो दिल में थी
उन्हें वही दफ़न कर दिया
जज्बातों की आँधी से
मर्माहत ना हो रिश्ते
मैंने इसलिए ख़ामोशी को
हमराज बना लिया
मंजर ख़ामोशी का
बड़ा ही भयावह है
पर अपनों की खातिर
छोड़ लफ्जों का साथ
मैंने ख़ामोशी को हमराज बना लिया
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