Saturday, August 29, 2015

एकांत

पलट कर जब देखता हूँ

तुझे ए जिंदगी

कुछ मीठे कुछ खट्टे

अहसास की यादें फिर से

तरोताजा हो जाती हैं

कभी फ़लक के आसमाँ की

कभी काँटो भरी राहों की 

वो किस्से कहानियाँ

बरबस ही दिल को छू जाती हैं

उम्र के उस मोड़ पर

बदलते सफ़र के मोड़ पर

हवाएँ भी रुख बदल जाती थी

बदलाव की यह वयार

दिल को बेबजह बदनाम कर जाती थी

ओर आलम उस पल कुछ ऐसा होता था

जिंदगी जीने के सिवा

पास कुछ ओर ना होता था

मगर सफ़र के इस मुक़ाम को

जिंदगी मेरा भी

प्यार भरा सलाम था

अब तो बस ठंडी आहें

गुजरी यादें लिए आती हैं

एकांत में

जिंदगी जब तू मुझसे मिलने आती हैं

एकांत में

जिंदगी जब तू मुझसे मिलने आती हैं

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