Thursday, October 4, 2018

मिथ्या

हर मिथ्या भी एक सत्य हैं

जाने किसके पीछे क्या रहस्य हैं

हर तरफ फ़ैला हुआ एक भ्रम हैं

पिरोया हुआ जिसमें एक कटु सत्य हैं

धूल पड़ी हो दर्पण पर जहाँ

असत्य ही वहाँ सत्य का आईना हैं

जमघट लगा हो झूठों का जहाँ

उड़ती हैं अफवाहें रोज नयी नयी वहाँ

सत्य असत्य की इस हलचल में

सत्य का यहाँ कोई मौल नहीं

फ़र्क करें तो करें कैसे

मिथ्या भँवर का इस युग में कोई तोड़ नहीं

इस युग में कोई तोड़ नहीं

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (06-10-2018) को "सुनाे-सुनो! पेट्रोल सस्‍ता हो गया" (चर्चा अंक-3116) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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