Thursday, November 23, 2023

साथ साथ

अलसाई सुबह की अंगड़ाई लेती चुस्की l

नचा रही मन पानी दर्पण अंतराल साथ ll


भींगी ओस नमी ख्यालों की ताबीर खास l

मूंद रही नयनों को जगा रही फूलों साथ ll


ख्वाबों की बेफिक्री सी दिलकशी उड़ान l

परिंदों सी लुभा रही दिखा नये अंदाज ll


लिहाफ़ गर्माहट भरी छुपी छुपी गुदगुदी रात l

ठिठुरती करवट बदलती काया बन बारात ll


बादलों झुरमुट रुबाई तन्हा मंजर बरसात l

आरज़ू ग़ज़ल संवरे अधूरे सहर साथ साथ ll


खिली धूप परछाई शरमाई गुलाब पंखुड़ियां नाल l

खोल गयी कई पोल कपोल कड़ियां एक साथ ll


16 comments:

  1. गजब मोदी जी जैसी कविता

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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    1. आदरणीय ओंकार भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  3. खिली धूप, परछाई शरमाई .. सुंदर लेखन

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    1. आदरणीय भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  4. भोर का सुंदर चित्रण

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      आपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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  5. वाह! सुंदर प्रस्तुति।

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    1. आदरणीया रूपा दीदी जी
      आपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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    1. आदरणीय
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  7. बहुत सुन्‍दर रचना

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    1. आदरणीया कविता दीदी जी
      आपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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  8. लिहाफ़ गर्माहट भरी छुपी छुपी गुदगुदी रात l

    ठिठुरती करवट बदलती काया बन बारात ll
    बहुत सुंदर सृजन ।
    वाह!!

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं

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