अलसाई सुबह की अंगड़ाई लेती चुस्की l
नचा रही मन पानी दर्पण अंतराल साथ ll
भींगी ओस नमी ख्यालों की ताबीर खास l
मूंद रही नयनों को जगा रही फूलों साथ ll
ख्वाबों की बेफिक्री सी दिलकशी उड़ान l
परिंदों सी लुभा रही दिखा नये अंदाज ll
लिहाफ़ गर्माहट भरी छुपी छुपी गुदगुदी रात l
ठिठुरती करवट बदलती काया बन बारात ll
बादलों झुरमुट रुबाई तन्हा मंजर बरसात l
आरज़ू ग़ज़ल संवरे अधूरे सहर साथ साथ ll
खिली धूप परछाई शरमाई गुलाब पंखुड़ियां नाल l
खोल गयी कई पोल कपोल कड़ियां एक साथ ll
गजब मोदी जी जैसी कविता
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत सुंदर
ReplyDeleteआदरणीय ओंकार भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
खिली धूप, परछाई शरमाई .. सुंदर लेखन
ReplyDeleteआदरणीय भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
भोर का सुंदर चित्रण
ReplyDeleteआदरणीया अनीता दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
वाह! सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteआदरणीया रूपा दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
वाह
ReplyDeleteआदरणीय
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteआदरणीया कविता दीदी जी
Deleteआपका उत्साहवर्धन ही मेरी कूची के रंगों की सुनहरी धुप की मीठी बारिश हैं, आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
लिहाफ़ गर्माहट भरी छुपी छुपी गुदगुदी रात l
ReplyDeleteठिठुरती करवट बदलती काया बन बारात ll
बहुत सुंदर सृजन ।
वाह!!
Deleteआदरणीया सुधा दीदी जी
ह्रदय तल से आपका आभार, आपका प्रोत्साहन ही सही मायने में मेरी लेखनी का ऊर्जा स्त्रोत हैं