Sunday, July 4, 2010

हसीन दुनिया

ख्याल हसीन है

दुनिया तभी रंगीन है

खेल रहा मन सितारों के साथ

पर कह न रहा दिल की बात

सिर्फ एक चाँद की खातिर

कैसे रुस्बा कर दूँ इतने सितारों को

जिन्दगी इन्ही से तो रंगीन है

तभी तो दुनिया हसीन है

हसरतें

हसरतें है बड़ी

मंजिले हो दूर ही सही

ख्वाहिसे होगी ना कम

डगर हो चाहे काँटो से भरी

अरमानों की आरजू है यही

जिन्दगी भी छोटी पड़ जाये

करते फरमाईसे पूरी

फिर भी इस छोटे से दिल की

हसरतें है बड़ी

Saturday, July 3, 2010

पतंग

पतंग का खेल हो गया खत्म

ऊँची उड़ रही थी पतंग

फंसा दी किसी ने उसमे अपनी पतंग

नाजुक हाथों में पकड़ चरखी

सुन्दर बाला उड़ा रही थी पतंग

पेंच उसने ऐसा लगाया

दिल हमारा उस पे आया

हम निहारते रह गए उसको

वो काट ले गयी हमारी पतंग

साथ ही कट गयी दिल की पतंग

पतंग का खेल हो गया खत्म

जगह

काश ऐसी कोई जगह होती

नजरे कोई घुर नहीं रही होती

उस पल को साथ अपना होता

पर मिलते कैसे

चाँद या तारे कोई तू घुर रहे होते

बीते लहमे

यादों को कैद करने का अनुभव सुखद होता है

बीते लहमो से रूबरू होना रोमांचित करता है

इन्ही लहमो में कुछ पल ख़ास बन जाते है

जिन्दगी के ह़र मोड़ पे जो बार बार याद आते है