तपस्या करते करते
आधी जिन्दगी गुजर गयी
मुराद पर पूरी ना हुई
कमी ना जाने कौन सी रह गयी
तम्मना कुछ ओर अब ना रही
तक़दीर शायद यही थी
सोच जिन्दगी मौन हो गयी
Saturday, September 3, 2011
बौना
पहली ही मुलाक़ात में
खोल दिये सारे राज
मुमताज अपनी प्रेम कहानी के आगे
बौना दिखेगा ताज
पैगाम है प्यार के नाम
जमाने ने कब समझा
लैला मजनू का बलिदान
तुम जो करलो हमारा प्रस्ताव स्वीकार
तोहफे में ला देंगे तुम्हे पूरा चाँद
कुछ भी कहे अब दुनिया
सितारों के बीच होगा अपना मुकाम
सबसे जुदा , पर अनोखा होगा अपना प्यार
खोल दिये सारे राज
मुमताज अपनी प्रेम कहानी के आगे
बौना दिखेगा ताज
पैगाम है प्यार के नाम
जमाने ने कब समझा
लैला मजनू का बलिदान
तुम जो करलो हमारा प्रस्ताव स्वीकार
तोहफे में ला देंगे तुम्हे पूरा चाँद
कुछ भी कहे अब दुनिया
सितारों के बीच होगा अपना मुकाम
सबसे जुदा , पर अनोखा होगा अपना प्यार
यादों के संग
तेरी यादों ने बुझे दीये फिर से जला दीये
उदासी में गुम दिल को फिर खिला दीये
बेकरार मैं आज भी संग तेरे जीने को
पर गुम हो गयी तुम कही
छोड़ हमें यादों के संग जीने को
उदासी में गुम दिल को फिर खिला दीये
बेकरार मैं आज भी संग तेरे जीने को
पर गुम हो गयी तुम कही
छोड़ हमें यादों के संग जीने को
इम्तिहान
धैर्य धर धीरज रख
इम्तिहान की ऐ घड़ी भी गुजर जायेगी
जीत ली जो संयम की बाज़ी
इस रात की सुबह फिर आएगी
बुलंद रख हौसले को
हार भी जीत में बदल जायेगी
इम्तिहान की ऐ घड़ी भी गुजर जायेगी
जीत ली जो संयम की बाज़ी
इस रात की सुबह फिर आएगी
बुलंद रख हौसले को
हार भी जीत में बदल जायेगी
अंतर्ध्यान
पल में सब कुछ भूल गया
आवारा पागल हो गया
हसरतें गुजरे कल की बात हो गयी
कलम जो साथ थी
वो भी साथ छोड़ गयी
अब तो याद ही ना रहा
शब्दों की प्रेरणा कब अंतर्ध्यान हो गयी
आवारा पागल हो गया
हसरतें गुजरे कल की बात हो गयी
कलम जो साथ थी
वो भी साथ छोड़ गयी
अब तो याद ही ना रहा
शब्दों की प्रेरणा कब अंतर्ध्यान हो गयी
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