Monday, March 19, 2012

श्रद्धांजलि

ले आँखों में पानी

हाथों में फूल

श्रद्धांजलि अर्पण करे

आपकी आँखों के नूर

छिटक रही यादों की रोशनी 

कह रहे दिलों के बोल

ह़र जन्म बंधी रहे

अपने साँसों की डोर

Friday, March 16, 2012

रूमानी शाम

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

दीदार हुए जब चाँद के

छलक गए नयनों के जाम

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

शबनम में जैसे लिपटा गुलाब

चुरा ले गया दिल के तार

फ़िदा हो गयी मोहब्बत

निखर गयी चहरे पे मुस्कान

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

सुन झनझन झांझर की झंकार

छन छन चूड़ियों की खनकार

मचल गए दिल के अरमान

लुट गए रंग

उस रूमानी शाम

Wednesday, March 14, 2012

अधूरे अहसास

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है

टूटती है निंद्रा

सपने बिखर जाते है

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है

संग कोई चलता नहीं

तन्हा अकेले खड़े रह जाते है

कुछ अहसास अधरे रह जाते है

धडकनों का क्या

साँसे गिनने को

दिन भी कम रह जाते है

कुछ अहसास अधूरे रह जाते है

बिखराव

समय जैसे ठहर गया

निंद्रा जैसे कोई चुरा ले गया

सपने जो बिखरे

मायने जिन्दगी के बदल गये

ऐतबार तो अब खुद पे भी ना रहा

लाख मिन्नतों के बाद

गला खुदा तुने अरमानों कर घोंट दिया

भाग्य उदय

होगा भाग्य उदय

मुझ बदनसीब कर भी

लगा सर पे तिलक

ली है ए शपथ

लिखूंगा तक़दीर ऐसी

देखते रह जायेगा खुद विधाता भी