Thursday, June 27, 2013

खूबसूरती

खूबसूरती की उनका

चाँद भी कायल हो गया

रूप रंग पे मुग्ध हो

दर्पण भी घायल हो गया

रिंझ

मृगनयनी चंचल हिरनी सी माया पे 

कंचन कोमल कामिनी सी काया पे

झुक गया आसमां भी आधा

देख

लाजों हया की हंसिनी मूरत

मुखड़े पे हँसी की सूरत

शरमा कुदरत का आफताब भी गया

खूबसूरती की उनका

चाँद भी कायल हो गया



Thursday, June 20, 2013

ज़माना

तुझसा हसीं कोई मिला नहीं

ज़माने को ये रास आया नहीं

बह गयी हर मर्यादायें

चाहत के इस सैलाब में

चढ़ पाती परवान दोस्ती

छुट गया इससे पहले दामन

हालातों के हिजाब में

नजर लग गयी अपनों की

चाहत के इस इकरार में

इबादत अब कोई शेष बची नहीं

जीवन के इस ठहराव पे 

ख़त्म हो गयी जिन्दगी

आंसुओ के सैलाब में



Tuesday, June 11, 2013

गुमनाम

वो गुमनाम थी

मैं बदनाम था

डोर फिर भी एक बंधी थी

कसूर निगाहों का ना था

बात दिल की क्योंकि

उसके गालों के तिल में थी

जुबाँ भी साथ दे ना पाती थी

बस तितलियों सी मंडराती

वो इस दिल जले को ओर जला जाती थी

खूबसूरती की वो मिशाल थी

फिर भी वो गुमनाम थी

क्योंकि घूँघट उसकी शान थी

पर इस दिल की गलियाँ

उसके इश्क में बदनाम थी

ओर वो इन खबरों से भी अनजान थी

आखिर वो एक गुमनाम थी



 

Saturday, June 1, 2013

दीदार

देखने चाँद के हुस्नों शब्बाब

गिरवी रख दी नींद हमने आज

मिन्नतें बादलों से की बार बार

रुख से नकाब हटा

पर्दा नशीं को बेपर्दा करदे एक बार

बेकरार रात की अधखुली पलकों ने भी

सपनों से गुजारिश इतनी सी की है आज

छोड़ सितारों की महफ़िल

जमीं पर आज उतर आ जाए चाँद

दीदार  हुस्न के ऐसे मिल जाय 

एक पल को भी पलक झपक ना पाय

Thursday, May 30, 2013

यादों की बारिस

यादों की बारिस हो

सपनों का संसार हो

रूमानी ख्यालों में

गुजरे पल के दीदार हो

रह ना जाए कोई बात अधूरी

क्योँ ना फिर एक हसीन मुलाक़ात हो

ठहर जाए ये समां यही

कहीं आँधियों का शोर ना हो

अफ्सानो के इस पल

अपने दरमियाँ कोई ओर ना हो

बस मेरी तन्हाई हो

ओर तेरी मीठी मीठी यादों का साथ हो