Monday, February 1, 2010

कौल

कौल हमने लगायी तीन बार

पर उनको समझ नहीं आयी यार

जाग गया मोहला सारा

सुन शोर बौखला आया

आधी रात गए

किस गधे ने है शोर मचाया

देख ये तमाशा

जोर से मैं चिल्लाया

बीबी खोल नहीं रही दरवाजा

उसको जगाने मैं तो बजाऊंगा बेन्ड बाजा

हो रही हो तुम लोगों को तकलीफ

करलो कान बंद तुम सारी भीड़

इतने में बीबी की नींद जगी

समझ आ गया सारा माजरा

फिर पी ली है हद से ज्यादा

पकड़ बाल हमको ले गयी घर के अन्दर

ओर बंद कर दिया गुशलखाने के अन्दर

No comments:

Post a Comment