Wednesday, December 1, 2010

सर्दी

रिम झिम रिम झिम वर्षा आयी

मौसम ने ली अंगडाई

लो आ गयी सर्दी रानी

बड़ ने लगी ठिठुरन बेचारी

कंपकंपाने ने लगी देह सारी

शीतल ठंडी फुहारों ने

बदल दी रंगत सारी

दस्तक दे दी ठंडक ने

कह रही घटाए सारी

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