POEMS BY MANOJ KAYAL
जब रंग लहू का एक
फिर कैसा महजब का फैर
मंदिर हो या मस्जिद
सब में बसे एक ही रब का नाम
अल्लाह कहो या राम
सब के दिल में हो बस प्यार का ही नाम
प्यार में ही बसे अल्लाह और राम
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