Monday, September 19, 2011

बचपन की याद

बचपन की वो याद

चल देते थे बाज़ार

पकड़ पिता का हाथ

तलाशती रह जाती माँ

लग जाती आँख मिचोली

भाई बहनों के साथ

ना कोई फिक्र थी

ना थी कोई चिंता

सपनों की तरह बीत गया बचपन

अब तो बस शेष रह गयी
यादें ही यादें


No comments:

Post a Comment