Thursday, December 13, 2012

युवा चाहत

युवा दिखने की चाह अभी है बाकी

बुड़ापे की है ये निशानी

इस मर्ज की अवधी है बड़ी निराली

बहक जाती बुड़ापे में जवानी है

नकली बाल और दाँतों के संग

युवा दिखने की पूरी है तैयारी

देख हसीन चहरों को

हिलोरें मारे जवानी है

हाथों में लाठी

आँखों में लाली

ललक मटरगस्ती की

पर अभी तलक है बाकी

बुझते चिरागों में

रौशनी की लौ अभी है बाकी

निहारे दर्पण खुद को

कामना ऐसी अभी है बाकी

युवा दिखने की चाहत अभी है बाकी 



 

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