Thursday, December 13, 2012

दिलों के तार

सज गए दिलों के तार

तड़पती रूह हो गयी शान्त

चलने लगी फिर से जैसे साँस

धडकनों में आ गए जैसे प्राण

मिला जो सुर को साज का साथ

सज गए दिलों के तार

छाने लगी मदहोशी की खुमार

सुनायी देने लगी प्रेम राग

बदल गयी रूह की चाल

पूरी हो गयी जैसे कोई तलाश

मिला धडकनों को

जो संगीत का साथ

सज गए दिलों के तार 

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