RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Tuesday, October 25, 2011
दिवाली
दीपों की लड़ी
फूलों की माल
व्यंजनों की बाहर
पटाखों की फुहार
जगमग हुए दिल
रोशन हुई रात
ले आयी दिवाली खुशियों की सौगात
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