RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, December 9, 2011
नन्ही जान
नन्ही सी तू जान
परियों की तू सरताज
देख तेरी हरकतें
दिल मन ही मन मुस्काय
तुतली जुबाँ से पुकारे जब तू
ह्रदय पुलकित तब हो जाए
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