Sunday, March 4, 2012

पहचान

एक अनजानी तलाश

गुमनामी में डूबी पहचान

अस्त हो गया साया

छोड़ अक्स का साथ

तलाश रही खामोश नजरे

अँधेरे में एक लौ की आस

कह रहा मन बेकरार

खुल जाये किस्मत के द्वार

धैर्य की कुंजी अगर लग जाये हाथ

तलाश रही धड़कने

खोयी साँसों के तार

पर बिखर गयी जिन्दगी

ओर गुम हो गयी पहचान

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