डग डग चलता गया
कोस कोस बड़ता गया
होले होले धीमे धीमे
जीवन पथ अग्रसर होता गया
मनन कर स्मरण कर
कदम वक़्त के साथ मिलाता चला गया
उद्वेग गिलानी इर्ष्या भुला
एक प्यार भरी दुनिया संजोने
कांटो की राहों पे चलता गया
होले होले धीमे धीमे
जीवन पथ अग्रसर होता गया
कोस कोस बड़ता गया
होले होले धीमे धीमे
जीवन पथ अग्रसर होता गया
मनन कर स्मरण कर
कदम वक़्त के साथ मिलाता चला गया
उद्वेग गिलानी इर्ष्या भुला
एक प्यार भरी दुनिया संजोने
कांटो की राहों पे चलता गया
होले होले धीमे धीमे
जीवन पथ अग्रसर होता गया
बहुत खूब !
ReplyDeleteसादर
कल 20/09/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुन्दर रचना..
ReplyDeleteऐसे ही जीवन पथ पर अग्रसर रहिये..
कामयाब होइए
शुभकामनाये...
:-)
Thanks
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