सकून एक सुखद अहसास है
यादों का खुबसूरत गुलिस्ताँ है
महकती है फिजा गुजरे कल की
याद आती है जब गुजरे पल की
खिलती उठती है मुस्कान
मिल जाती है जैसे कोई खोई पहचान
पनपने लगता है यह अहसास
यादों में सिमटा है खुबसूरत अहसास
खुबसूरत अहसास II
यादों का खुबसूरत गुलिस्ताँ है
महकती है फिजा गुजरे कल की
याद आती है जब गुजरे पल की
खिलती उठती है मुस्कान
मिल जाती है जैसे कोई खोई पहचान
पनपने लगता है यह अहसास
यादों में सिमटा है खुबसूरत अहसास
खुबसूरत अहसास II
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