चल एक बार फिर से जिंदगी की तलाश करे
तेरी खुशियों में अपनी खुशियाँ तलाश करे
दुओं की कमी ना रह जाए कही
आ मिल फिर खुदा से फरियाद करे
नजर ना लग जाए शहर की कही
दामन को तेरे गैरों से बचते बचाते चले
आ कुछ ऐसे पलों की तलाश करे
मैं और तुम से आगे निकल
हम में खुशियों की तलाश करे
चल फिर से एक बार जिंदगी की तलाश करे
एक बार फिर से जिंदगी तलाश करे
तेरी खुशियों में अपनी खुशियाँ तलाश करे
दुओं की कमी ना रह जाए कही
आ मिल फिर खुदा से फरियाद करे
नजर ना लग जाए शहर की कही
दामन को तेरे गैरों से बचते बचाते चले
आ कुछ ऐसे पलों की तलाश करे
मैं और तुम से आगे निकल
हम में खुशियों की तलाश करे
चल फिर से एक बार जिंदगी की तलाश करे
एक बार फिर से जिंदगी तलाश करे
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (29-08-2016) को "शैक्षिक गुणवत्ता" (चर्चा अंक-2450) पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
शास्त्री जी
Deleteशुक्रिया
सादर
मनोज
Superb bhai ji
ReplyDeleteJAI SHREE BALAJI KI