Sunday, January 17, 2021

सिफ़ारिश

माना बंदिशे हज़ारों हैं दिल की राहों में l
कुछ और नहीं तो खाब्बों में आ जाया करो ll

ख्यालों की गुलाबी घटाओं में रंग जाओ ऐसे l
संदेशों में मचल रहा हो कोई नादान समंदर जैसे ll 

शहद सी मिठास घुली धुन बन उतर आओ ऐसे l
साज़ सा पिरो लूँ साँसों की इन सरगम में ऐसे ll

सँवार लूँ सपनों की इस अनछुई जागीर को वैसे l
पनाह मिली हो उलझे धागों की कमान को जैसे ll

चाँद सी अनबुझ पहेली बने इन रिश्तों में l
तारों से इशारों में हौले से पैगाम यह कह दो ll

ढलती साँझ सा हसीन इकरार हो l
करार अपना सबसे बेमिसाल हो ll

सिफ़ारिश कर दो अपनी अतरंगी साँसों से ऐसे l
धड़के सिर्फ मेरी रूह की आरज़ू बन जाये ऐसे ll

धड़के सिर्फ मेरी रूह की आरज़ू बन जाये ऐसे l
धड़के सिर्फ मेरी रूह की आरज़ू बन जाये ऐसे ll

46 comments:

  1. ढलती साँझ सा हसीन इकरार हो l
    करार अपना सबसे बेमिसाल हो ll
    वाह!!!
    बहुत सुंदर सृजन।

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    1. आदरणीया सुथा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया l
      शुक्रिया
      आभार

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    1. आदरणीय सुशील जी
      आपका बहुत बहुत धन्यवाद
      आभार

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  3. बहुत बढ़िया है। बधाई आपको।

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    1. आदरणीय विरेन्दर् जी
      आपका बहुत बहुत धन्यवाद
      आभार

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  4. बहुत ही सुंदर सृजन।
    सादर

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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    1. आदरणीय शास्त्री जी
      मेरी रचना पसंद करने के लिए शुक्रिया
      आभार

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  6. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन  में" आज सोमवार 18 जनवरी 2021 को साझा की गई है.........  "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आदरणीया यशोदा दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए शुक्रिया
      आभार

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  7. ख़्वाबों में आ जाया करो ...
    हर बंध खूबसूरत ... कमाल का है ...

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    1. आदरणीय नासवा जी
      आपका बहुत बहुत धन्यवाद
      आभार

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  8. वाह! कायल हो गए हम आपके। बहुत उम्दा।

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    1. आदरणीय विश्वमोहन जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  9. सादर नमस्कार ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-1-21) को "जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि"(चर्चा अंक-3951) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा


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    1. आदरणीया कामिनी दीदी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
      आभार

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  10. बहुत सुंदर, नायाब ग़ज़ल..

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    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  11. Replies
    1. आदरणीया विभा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  12. बहुत सुंदर सृजन।

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    1. आदरणीया ज्योति दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  13. Replies
    1. आदरणीया पम्मी दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  14. आदरणीय शांतनु जी
    हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
    आभार

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  15. Replies
    1. आदरणीया वर्षा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  16. बहुत बहुत सराहनीय

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    1. आदरणीय आलोक जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  17. ढलती साँझ सा हसीन इकरार हो l
    करार अपना सबसे बेमिसाल हो ll
    बहुत खूब!!
    लाजवाब सृजन ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  18. वाह सुंदर रचना

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    1. आदरणीया सरिता दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  19. दिल से निकली यह काव्य-रचना मनोज जी । बहुत ख़ूब !

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    1. आदरणीय जितेन्द्र जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  20. वाह
    बहुत सुंदर
    बधाई

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    1. आदरणीय खरे जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  21. बेहतरीन लफ्ज़ ।

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  22. आदरणीया अमृता दीदी जी
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद
    आभार

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  23. सँवार लूँ सपनों की इस अनछुई जागीर को वैसे l
    पनाह मिली हो उलझे धागों की कमान को जैसे ll

    सुंदर..

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    1. आदरणीया दीदी जी
      हौशला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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  24. बहुत खूब, बधाई हो आपको

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    1. आदरणीया ज्योति दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      आभार

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