Tuesday, June 15, 2021

सम्मोहन

गज़ब का सम्मोहन उसकी हर बातों में 
दिलकश मीठे मीठे रूमानी अंदाज़ों में 

लफ्जों अल्फाजों की वो सुन्दर जादूगरी 
जुगनू सी चमकती उसके होटों की हसी 

बिन जिसके अर्ध निशा भी गुम अँधेरी सी 
मादक इठलाती चाँदनी करवटें अधूरी सी 

साँझ बेला उसकी कोई तिल्सिम सुनहरी 
पहेली वो इस पल की सम्मोहन अनोखी 

रूहानियत की वो कोई ईबादत नई नई 
नयनों से सजाती कोई धुन नई नई सी 

गिरफ़्त हो चला मन बावरा उसकी हसीं 
घुल गया गुल उसके सम्मोहन की गली 

अंश बिखरा गयी इस डाल उसकी छवि 
कमसिन सी वो मासूम सम्मोहन छवि  

22 comments:

  1. वाह,क्या खूब लिखा है आपने।

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    1. आदरणीय शिवम् भाई जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (१६-०६-२०२१) को 'स्मृति में तुम '(चर्चा अंक-४०९७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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    1. आदरणीया अनीता दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 16 जून 2021 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आदरणीया दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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  4. बिन जिसके अर्ध निशा भी गुम अँधेरी सी
    मादक इठलाती चाँदनी करवटें अधूरी सी
    वाह!!!

    साँझ बेला उसकी कोई तिल्सिम सुनहरी
    पहेली वो इस पल की सम्मोहन अनोखी
    बहुत ही सुन्दर... लाजवाब।

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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  5. बहुत सुन्दर मनमोहक भावाभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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    1. आदरणीया जिज्ञासा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

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  7. सुन्दर मन के भाव!

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    1. आदरणीया अनुपमा दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

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  8. सुंदर प्रस्तुति ।

    सादर

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    1. आदरणीय हर्ष भाई जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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    1. आदरणीय माथुर भाई जी
      मेरी रचना को पसंद करने के लिए शुक्रिया
      सादर

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  10. बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

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    1. आदरणीया शबनम दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

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  11. रूहानियत की वो कोई ईबादत नई नई
    नयनों से सजाती कोई धुन नई नई सी ,,,,,, बहुत सुंदर रचना,शुभकामनाएँ

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    1. आदरणीया मधुलिका दीदी जी
      हौशला अफ़ज़ाई के लिए दिल से शुक्रिया
      सादर

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