Thursday, July 3, 2025

आलिंगन

विभोर स्पर्श पलकों बंद आँखों स्पन्दन राज का l

विरह ओस बूँदों सी अधखुले नयनों साँझ का ll


विशृंखल कोमल अंकुरन सांझी हृदय राह का l

व्यग्र उच्छृंखल मन ढूंढ रहा साथ माहताब का ll


कशिश एक मौन फ़रियाद सुकून आवाज का l

आलिंगन खुद के लबों सजी अल्फाजों साज का ll


बेसब्र अनमोल दीवानगी जुनून मृदंग थाप का l

थिरकती उमंगें कहानियां किंवदन्ती रूह चाँद का ll


मोती संजो रहे ख्वाब तिलस्मी स्पंदन राज का l

पुनः आलिंगन ओस बूँदों मौन नयनों साँझ का ll

10 comments:


  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 5 जुलाई 2025को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. आदरणीया पम्मी दीदी जी
      मेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार

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    1. आदरणीय हरीश भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  3. सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।

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    1. आदरणीया मीना दीदी जी
      आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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    1. आदरणीय सुशील भाई साब
      सुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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  5. बेसब्र अनमोल दीवानगी जुनून मृदंग थाप का l

    थिरकती उमंगें कहानियां किंवदन्ती रूह चाँद का
    बहुत सुन्दर सृजन ।

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    1. आदरणीया सुधा दीदी जी
      आशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन

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