विभोर स्पर्श पलकों बंद आँखों स्पन्दन राज का l
विरह ओस बूँदों सी अधखुले नयनों साँझ का ll
विशृंखल कोमल अंकुरन सांझी हृदय राह का l
व्यग्र उच्छृंखल मन ढूंढ रहा साथ माहताब का ll
कशिश एक मौन फ़रियाद सुकून आवाज का l
आलिंगन खुद के लबों सजी अल्फाजों साज का ll
बेसब्र अनमोल दीवानगी जुनून मृदंग थाप का l
थिरकती उमंगें कहानियां किंवदन्ती रूह चाँद का ll
मोती संजो रहे ख्वाब तिलस्मी स्पंदन राज का l
पुनः आलिंगन ओस बूँदों मौन नयनों साँझ का ll
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 5 जुलाई 2025को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आदरणीया पम्मी दीदी जी
Deleteमेरी रचना को अपना मंच प्रदान करने के लिए तहे दिल से आपका आभार
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteआदरणीय हरीश भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteआदरणीया मीना दीदी जी
Deleteआशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन
सुन्दर
ReplyDeleteआदरणीय सुशील भाई साब
Deleteसुंदर शब्दों से हौशला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से धन्यवाद
बेसब्र अनमोल दीवानगी जुनून मृदंग थाप का l
ReplyDeleteथिरकती उमंगें कहानियां किंवदन्ती रूह चाँद का
बहुत सुन्दर सृजन ।
आदरणीया सुधा दीदी जी
Deleteआशीर्वाद की पुँजी के लिए तहे दिल से नमन